RapidX नहीं नमो भारत के नाम से जानी जाएगी देश की पहली रीजनल ट्रेन, PM Modi कल दिखाएंगे हरी झंडी
RapidX Namo Bharat: देश की पहली रीजनल ट्रेन 'रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम' (RRTS) रेलगाड़ियों को 'नमो भारत' (NAMO Bharat) के नाम से जाना जाएगा.
RapidX Namo Bharat: देश की पहली रीजनल ट्रेन 'रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम' (RRTS) रेलगाड़ियों को 'नमो भारत' (NAMO Bharat) के नाम से जाना जाएगा. आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) शुक्रवार को RRTS के प्राथमिकता खंड का उद्घाटन करेंगे. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर लंबा प्राथमिकता वाला खंड इसके उद्घाटन के एक दिन बाद 21 अक्टूबर को यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा.
साहिबाबाद और दुहाई डिपो को जोड़ेगी ट्रेन
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बुधवार को बताया था कि मोदी भारत में RRTS की शुरुआत करते हुए साहिबाबाद और दुहाई डिपो को जोड़ने वाली एक रैपिडएक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. पीएमओ ने बताया था कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर प्राथमिकता खंड गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई स्टेशनों के जरिए साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ेगा.
बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने आठ मार्च 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारे की नींव रखी थी. नए विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के जरिए देश में क्षेत्रीय संपर्क को बदलने की प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि के अनुसार आरआरटीएस परियोजना विकसित की जा रही है. RRTS 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक नयी रेल आधारित, उच्च गति, उच्च आवृत्ति के साथ क्षेत्रीय यात्रा की सुविधा प्रदान करने वाली प्रणाली है.
हर 15 मिनट में दौड़ेगी ट्रेन
पीएमओ ने बताया है कि यह एक 'परिवर्तनकारी' क्षेत्रीय विकास पहल है, जिसमें अंतर शहरी आवागमन के लिए हर 15 मिनट में उच्च गति वाली ट्रेन उपलब्ध होगी और आवश्यकता के अनुसार यह हर पांच मिनट में भी उपलब्ध हो सकती है. उसने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुल आठ आरआरटीएस गलियारे की पहचान की गयी है जिसमें पहले चरण में तीन गलियारों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर और दिल्ली-पानीपत के क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी गयी है.
पीएमओ ने बताया कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारा 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जा रहा है और यह गाजियाबाद, मुरादनगर तथा मोदीनगर शहरों के जरिए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा.
ट्रेन की खूबियां
रैपिडएक्स का ट्रायल साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशन से लेकर दुहाई स्टेशन तक चला. इस दौरान ट्रेन में 157 किलोमीटर प्रति घंटा के हिसाब से भी दौड़ लगाई और चंद मिनट में अपने गंतव्य तक पहुंच गई. इस दौरान एनसीईआरटी के प्रवक्ता पुनीत वत्स व अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे. उन्होंने ट्रेन की खूबियों के बारे में विस्तार से बताया.
प्रत्येक ट्रेन में 6 डिब्बे
प्रत्येक रैपिडएक्स ट्रेन में 6 डिब्बे हैं जिनमें लगभग 1700 यात्री एक साथ यात्रा कर सकते हैं. हर स्टैंडर्ड कोच में 72 सीटें और प्रीमियम कोच में 62 सीटें उपलब्ध हैं. प्रत्येक रैपिडएक्स ट्रेन में एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित है, यह प्रीमियम कोच के बाद दूसरा कोच होगा. ट्रेन के अन्य कोचों में भी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित हैं. साथ ही, प्रत्येक कोच में विकलांग यात्रियों/वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी सीटें आरक्षित हैं.
रैपिडएक्स ट्रेन में एक प्रीमियम कोच भी
प्रत्येक रैपिडएक्स ट्रेन में एक प्रीमियम कोच भी है जिसमें रिक्लाइनिंग सीटें, कोट हुक, मैगजीन होल्डर और फुटरेस्ट जैसी कई अतिरिक्त यात्री-केंद्रित सुविधाएं होंगी. दिल्ली से मेरठ की ओर जाने वाला पहला कोच और मेरठ से दिल्ली की ओर जाने वाला अंतिम कोच प्रीमियम कोच होगा.
NCR के लोगों को मिलेगी सुविधा
रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (आरआरटीएस) एक हाई-स्पीड, हाई-फ्रीक्वेंसी परिवहन प्रणाली है, जो 160 किमी प्रति घंटा की परिचालन गति से एनसीआर के निवासियों को क्षेत्र में निर्बाध रूप से यात्रा करने की सुविधा प्रदान करेगा. इसका 82 किमी लंबा प्रथम कॉरिडोर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच निर्माणाधीन है.
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