Indian Railway: अनारक्षित जनरल टिकट बुकिंग के लिए रेलवे ने UTS On Mobile लॉन्च किया है. इसके जरिए यात्री अब आसानी से बिना रेलवे स्टेशन में टिकट की लंबी लाइन में लगे भी जनरल टिकट की बुकिंग कर सकते हैं. रेलवे स्टेशनों जनरल टिकट खरीदने वालों की लंबी लाइन लगी होती है. काउंटरों की संख्या सीमित और सफर करने वाले लोगों की संख्या अधिक होने के कारण हर समय वहां भीड़ बना रहता है. ऐसे में यात्रियों को काफी दिक्कत होती है. कई बार टिकट न मिलने से कारण ट्रेन तक छूट जाती है.

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ऐसे करें ऐप का इस्तेमाल

  • ऐप को डाउनलोड करने के बाद खुद को रजिस्टर करें.
  • रजिस्ट्रेशन के दौरान मोबाइल नंबर, नाम, जेंडर, जन्मतिथि पूछने के बाद पासवर्ड बनाएं.
  • फिर ओटीपी के जरिए ये प्रक्रिया पूरी होगी.
  • रजिस्ट्रेशन होने के बाद स्क्रीन पर एक विंडो आएगी, जिसमें बुक टिकट, कैंसल टिकट, बुकिंग हिस्ट्री, आर-वॉलेट, प्रोफाइल, शो बुक्ड टिकट, हेल्प और लॉगआउट के ऑप्शन दिखाई देंगे.

पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों को मिलेगी राहत

पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाड़ी) के यात्रियों को एक्सप्रेस का किराया देना पड़ता है. कम से कम 15 की जगह 30 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. ऐसे में मोबाइल यूटीएस ऐप से टिकट करने वाले पैसेंजर के यात्रियों को राहत मिलेगी. उन्हें आर वॉलेट (डिजिटल बटुआ) से पेमेंट करने पर पांच प्रतिशत का बोनस मिल जाएगा.

दो तरह से निकाली जा सकती है टिकट

  • एप्लीकेशन के माध्यम से दो प्रकार की टिकट निकाली जा सकती है. इसमें एक पेपर वाली और एक पेपरलेस टिकट होगी. पेपरलेस टिकट बुक करने पर एक एसएमएस रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आएगा और टिकट बुकिंग संबंधी जानकारी एप्लीकेशन के हिस्ट्री कॉलम में स्टोर हो जाएगी.
  • इसके अलावा अगर पेपर वाली बुकिंग करेंगे तो एक क्यू आर कोड आएगा, जिसे स्टेशन पर लगे एटीवीएम मशीन पर मोबाइल के जरिए मैच करवाना होगा और मैच होते ही जनरल टिकट का पेपर प्रिंट निकल जाएगा.
  • इस एप्लीकेशन का इस्तेमाल करने वाला यात्री खुद की और दूसरे यात्रियों की जनरल टिकट करेगा तो उसे भी साथ में ही यात्रा करनी होगी.
  • अगर ऐप से टिकट बुक करके खुद यात्रा न करने की बजाय अन्य को बुक की टिकट का स्क्रीनशॉट भेजे तो वो टिकट मान्य नहीं होगी.

एक नजर में मोबाइल यूटीएस ऐप

  • रेलवे ट्रैक से दो सौ मीटर के दायरे में बुक नहीं होते टिकट.
  • दो सौ मीटर के बाद कहीं से भी बुक हो जाते हैं जनरल टिकट.
  • रेलवे स्टेशन पर स्थित क्यूआर कोड से बुक हो जाते हैं टिकट.
  • रेलवे स्टेशन के तीन किमी के दायरे में बनता है प्लेटफार्म टिकट.
  • एप से बुक टिकट सेव नहीं होते, स्क्रीन शॉट संभव नहीं.
  • यात्रा पूरी होते ही यह टिकट अपने आप समाप्त हो जाता है.
  • मोबाइल एप से बुक टिकट का किराया वापस नहीं होता.