Indian Railways: भारतीय रेल के प्रोडक्शन यूनिट्स वित्त वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड प्रोडक्शन का रिकॉर्ड बनाने के लिए फास्ट ट्रैक पर हैं. भारतीय रेल के प्रोडक्शन यूनिट्स- चित्तरंजन के चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (सीएलडब्ल्यू), वाराणसी के बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू) और पटियाला के पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स (पीएलडब्ल्यू) ने वित्त वर्ष 2022-23 की 31 जनवरी तक कुल 785 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का उत्पादन किया है. रेल मंत्रालय द्वारा गुरुवार को दी गई जानकारी के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने सबसे ज्यादा 344, बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ने 286 और पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स ने 155 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स का निर्माण किया है.

वित्त वर्ष 2022-23 में जनवरी तक 4175 एलएचबी कोच का निर्माण

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भारतीय रेल के प्रोडक्शन यूनिट्स सिर्फ लोकोमोटिव ही नहीं बल्कि पैसेंजर कोच का भी तेज गति के साथ निर्माण कर रहे हैं. भारतीय रेल के कोच प्रोडक्शन यूनिट्स सुविधाजनक और त्वरित गतिशीलता सुनिश्चित करने के लिए वित्त वर्ष 2022-23 में 31 जनवरी तक कुल 4175 एलएचबी कोचों का निर्माण कर एलएचबी कोच उत्पादन में तेजी लाई है.

रेल मंत्रालय ने बताया कि सबसे ज्यादा एलएचबी कोच बनाने के मामले में इंटीग्रल कोच फैक्टरी (ICF) ने बाजी मारी है. इंटीग्रल कोच फैक्टरी ने मौजूदा वित्त वर्ष में जनवरी तक सबसे ज्यादा 1891 कोच का निर्माण किया है. ICF के बाद रेल कोच फैक्टरी यानी RCF ने 1221 कोच का निर्माण किया है. तो वहीं, मॉडर्न कोच फैक्टरी (MCF) ने 1063 एलएचबी कोच बनाए हैं.

अगले 3 साल के अंदर सभी ट्रेनों में लगा दिए जाएंगे LHB कोच

बताते चलें कि 1 फरवरी को देश का बजट पेश किए जाने के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 3 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि इस साल करीब 250 ट्रेनों से पुराने ICF कोच को हटाकर राजधानी एक्सप्रेस वाले स्टैंडर्ड LHB कोच लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि अलगे वित्त वर्ष इस काम में तेजी लाई जाएगी और 325 ट्रेनों को LHB कोच के साथ अपग्रेड किया जाएगा. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि अगले 3 साल के अंदर सभी ट्रेनों को LHB कोच के साथ अपग्रेड कर दिया जाएगा.