Train Accident: पिछले कई महीनों से देशभर में रेल हादसे हो रहे हैं. हर दिन कहीं रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखे जा रहे हैं तो कहीं बदमाश लोहे का रॉड रखकर रेल हादसे को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं. इसको लेकर रेलवे प्रशासन सख्त हो गया है. इन सभी समस्याओं को लेकर बुधवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रेल मंत्री ने रेलवे से जुड़ी समस्याओं और रेलवे के विस्तार पर चर्चा की.

रेलवे पर न हो राजनीति

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रेल मंत्री ने कहा, "हम सभी रेल दुर्घटनाओं की विस्तृत जांच कर रहे हैं. कई दुर्घटनाओं के साक्ष्य मिले हैं. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए. मैं नहीं मानता कि रेलवे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का विषय है. मेरा मानना ​​है कि रेलवे और रक्षा ऐसी संस्थाएं हैं, जिन्हें राजनीतिक नजरिए से परे देखा जाना चाहिए. ये दोनों संस्थाएं देश की जीवन रेखा हैं. इनमें अगर कोई नुकसान होता है, चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, सभी को मिलकर इसके बारे में सोचना चाहिए. नागरिक, मीडियाकर्मी और उद्योग जगत, सभी को मिलकर इस पर काम करना चाहिए. इसकी आलोचना नहीं की जानी चाहिए."

हर दिन हो रहा 40.5 किलोमीटर का निर्माण

रेलवे के निर्माण के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है. दस साल पहले रेलवे का औसत निर्माण कार्य प्रतिदिन 4 किलोमीटर था. अब भारतीय रेलवे का औसत निर्माण कार्य प्रतिदिन 40.5 किलोमीटर हो गया है. जबकि पिछले साल एक साल के भीतर 5,300 किलोमीटर निर्माण कार्य हुआ था.

ट्रेन दुर्घटना की साजिश

बता दें कि पिछले दिनों फर्रुखाबाद में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार कर भटासा स्टेशन के पास ट्रैक पर लकड़ी का गट्ठा रखकर ट्रेन पलटाने की साजिश का पर्दाफाश किया था. दोनों युवकों ने पुलिस को बताया कि वे ट्रेन पलटाकर मशहूर होना चाहते थे. कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया. 

शुक्रवार रात करीब 11:15 बजे कासगंज-फर्रुखाबाद रेल मार्ग पर भटासा स्टेशन के पास स्पेशल पैसेंजर ट्रेन के आगे लकड़ी का लट्ठा रखकर उसे पटरी से उतारने की साजिश रची गई. ड्राइवर की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया.