Railway Line Box: रेलवे कर्मचारी सरकार के एक आदेश के खिलाफ सड़क पर उतर गए हैं. सरकार ने आदेश जारी किया है कि रेलवे में लाइन बॉक्स को हटाकर ट्रॉली बैग रखा जाएगा. ये आदेश एक अक्टूबर से लागू होगा. रेलवे के कर्मचारियों के मुताबिक ये लाइन बॉक्स उनके लिए बैसाखी है. ट्रेन मैनेजर ने सरकार के फैसले को तुगलकी फरमान बताया है. जानिए क्या होता है रेलवे का ये लाइन बॉक्स और क्यों  रेलवे कर्मचारियों के लिए इतना जरूरी है.       

कुल 20 किलो होता है लाइन बॉक्स का कुल वजन

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मालगाड़ी के सबसे पीछे केबिन में ट्रेन मैनेजर बैठता है. इसी केबिन में लाइन बॉक्स रखा होता है.  अब तक ड्राइवर और ट्रेन मैनेजर को लाइन बॉक्स उठाने के लिए अलग व्यवस्था है. गौरतलब है कि इसके लिए बॉक्स बॉय नियुक्त किए जाते थे. हालांकि, रेलवे ने इस व्यवस्था को प्राइवेट हाथों में सौंप दिया था. ट्रेन मैनेजर के मुताबिक लंबी यात्रा में कई बार ये बॉक्स कुर्सी का भी काम करता है. इसमें कई जरूरी सामान होते हैं. साथ ही इसका वजन कुल 20 किलो होता है. ड्यूटी पर ट्रेन मैनेजर को अपने साथ ले जाना होता है.

बॉक्स के अंदर होते हैं ये सामान

लाइन ऑपरेशन के नियमों की किताब के मुताबिक लाइन बॉक्स में एचएस लैंप, टेल लैंप, टेल बोर्ड, फास्टेड बॉक्स, कोहरे के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले हल्के पटाखे (डिटोनेटर) और जनरल किताब होती है. इसके अलावा  हरी और लाल झंडी, वॉकी-टॉकी या अन्य संचार उपकरण ट्रेन के चालक, स्टेशन मास्टर और अन्य अधिकारियों से संपर्क करने के लिए भी होते हैं. ट्रेन के संचालन से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज, जैसे कि ट्रेन का शेड्यूल, माल की सूची, और अन्य कागज़ात भी इसी लाइन बॉक्स में रखे होते हैं.

क्यों विरोध कर रहे हैं रेलवे के कर्मचारी

ट्रेन मैनेजर का मानना ​​है कि ट्रॉली बैग में उपकरणों को सुरक्षित रूप से रखना और उन्हें आसानी से एक्सेस करना मुश्किल होगा, खासकर आपात स्थिति में। इससे ट्रेन की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है. वर्तमान लाइन बॉक्स विशेष रूप से ट्रेन के गार्ड की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. ट्रॉली बैग में उपकरणों को व्यवस्थित रखना और उन्हें जल्दी से ढूंढना मुश्किल हो सकता है, जिससे गार्ड की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है. साथ ही लाइन बॉक्स को हटाने से उन्हें एक "मैनेजर" से "कुली" बना दिया जाएगा.