रेलवे ने फंसाया पेंच, नहीं स्वीकार किया विनेश फोगाट-बजरंग पुनिया का इस्तीफा, जानिए क्या कहता है नियम
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने शुक्रवार को कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम लिया है. कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए दोनों पहलवानों ने रेलवे की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, रेलवे ने ये इस्तीफा मंजूर नहीं किया है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने शुक्रवार को कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम लिया है. कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल, पार्टी के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सूरजभान, प्रवक्ता पवन खेड़ा और अन्य नेताओं की मौजूदगी में दोनों पहलवान कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए दोनों पहलवानों ने रेलवे की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, रेलवे ने ये इस्तीफा मंजूर नहीं किया है.
निजी कारणों का हवाला देकर विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया ने दिया इस्तीफा
रेलवे के सूत्रों के मुताबिक रेलवे द्वारा इस्तीफा बिना मंजूर किए ही बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की है. इससे पहले विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने निजी कारणों का हवाला देते हुए रेलवे की नौकरी से इस्तीफा दिया था. लेकिन अभी तक रेलवे ने बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की इस्तीफा को मंजूर नहीं किया है. विनेश रेलवे में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) के पद पर थीं. विनेश ने X पर लिखा, 'रेलवे की सेवा जीवन का एक यादगार और गौरवपूर्ण समय रहा है. मैं रेलवे परिवार का हमेशा आभारी रहूंगी.'
भारतीय रेलवे की सेवा मेरे जीवन का एक यादगार और गौरवपूर्ण समय रहा है।
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) September 6, 2024
जीवन के इस मोड़ पर मैंने स्वयं को रेलवे सेवा से पृथक करने का निर्णय लेते हुए अपना त्यागपत्र भारतीय रेलवे के सक्षम अधिकारियों को सौप दिया है। राष्ट्र की सेवा में रेलवे द्वारा मुझे दिये गये इस अवसर के लिए मैं… pic.twitter.com/HasXLH5vBP
कांग्रेस का दावा, रेलवे ने जारी किया है कारण बताओ नोटिस
कांग्रेस के महासचिव के.सी.वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि बुधवार को राहुल गांधी से मुलाकात के बाद रेलवे ने फोगाट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पार्टी सूत्रों ने कहा कि नोटिस में राजनीतिक नेताओं से मिलकर सेवा नियमों का उल्लंघन करने की बात कही गई है. वेणुगोपाल ने पूछा कि क्या विपक्ष के नेता से मिलना अपराध है? साथ ही उन्होंने रेलवे अधिकारियों से फोगाट को कार्यमुक्त करने और ‘राजनीति नहीं करने’ का अनुरोध किया है.
जानिए क्या कहता है रेलवे का नियम
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आपको बता दें कि सेंट्रल सिविल सर्विसेज (कंडक्ट) रूल्स 1964 के तहत रेलवे समेत केंद्रीय कर्मचारियों और अधिकारियों के चुनाव लड़ने पर रोक है. साथ ही कोई भी कर्मचारी या अधिकारी किसी भी संगठन का न ही हिस्सा होगा और न ही किसी भी तरह से राजनीतिक दल से जुड़ेगा. साथ ही कर्मचारियों और अधिकारियों को राजनीतिक आंदोलनों और गतिविधियों से जुड़ने पर भी रोक है. साथ ही कोई भी अधिकारी और कर्मचारी या अधिकारी राजनीतिक दल या व्यक्ति का प्रचार नहीं करेगा.
10:24 PM IST