Budget 2023: रेलवे के लिए उम्मीदों का बजट! ज्यादा फंड से लेकर नई वंदे भारत तक, बजट में हो सकते हैं ये बड़े ऐलान
Railway Budget 2023: आम बजट 2023 को लेकर रेलवे को काफी सारी उम्मीदें हैं. रेलवे को इस बजट में 2 ट्रिलियन रुपये तक का फंड मिलने की उम्मीद है.
Railway Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से आम बजट पेश करने वाली हैं. इस बजट से रेलवे को काफी सारी उम्मीदें हैं. रेलवे के लिए इस बजट (Budget 2023) में काफी सारे बड़े ऐलान होने की उम्मीद है. इसके साथ ही रेलवे को बजट में इस बार ज्यादा फंड मिलने की उम्मीद है. इससे पहले बजट पूर्व बैठक में रेलवे बोर्ड ने वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) से बजट एलोकेशन (Union Budget 2023) में 25-30 फीसदी अधिक फंड की मांग की है. ऐसे में इस बार सरकार को बजट (Railway Budget 2023) में करीब 2 ट्रिलियन रुपये का फंड दे सकती है.
रेलवे को है बजट से उम्मीदें
बता दें कि केंद्रीय बजट 2022-23 में रेलवे के लिए 1.4 ट्रिलियन रुपये के फंड का ऐलान किया गया था. इस साल इसे बढ़ाकर लगभग 2 ट्रिलियन रुपये किया जा सकता है. इस फंड का इस्तेमाल रेलवे नई लाइनों के निर्माण, गेज चेंज, इलेक्ट्रिफिकेशन और बेहतर सिग्नलिंग के लिए करेगी. इसके अलावा रेलवे ट्रेनों के निर्माण के लिए बेहतर घरेलू इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने पर भी ध्यान दे रही है. इसमें ट्रेनों के पहियों को लेकर विदेशी निर्भरता कम करने की भी योजना बनाई जा रही है.
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वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर हो सकते हैं ये ऐलान
बजट में स्लीपर सुविधा वाली नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन और वंदे भारत 2.0 बनाने पर जोर दिया जा सकता है. अब इस ट्रेन में स्लीपर बर्थ भी लगाई जाएगी. इससे लंबी दूरी में ट्रैवल करते वक्त यात्रियों को सोने की सुविधा मिलेगी. यह ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस की तरह काम करेगी जिसमें यात्रियों को स्लीपर एसी कोच (Sleeper Coach) की सुविधा भी मिलेगी.
इतना ही नहीं इस बार बजट में 100 से ज्यादा नई वंदे भारत ट्रेनों के मैन्युफैक्चरिंग का ऐलान हो सकता है. स्लीपर वाली नई वंदे भारत का ऐलान भी किया जा सकता है. इसके अलावा सरकार इस बार के बजट में ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम कवच पर भी फोकस कर सकती है. साथ ही ट्रेन प्रोटेक्शन के लिए रूट का विस्तार हो सकता है.
आम बजट का ही हिस्सा है रेल बजट
बता दें कि देश में 2016 से पहले, रेलवे बजट (Railway Budget) अलग से पेश किया जाता था. बजट के कुछ दिन पहले रेल मंत्री इसे संसद में पेश करते थे. लेकिन 2015 में नीति आयोग (Niti Aayog) की एक सिफारिश को मानते हुए सरकार ने इसे अलग से पेश करना बंद कर दिया. आखिरी बार, 2016 में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने संसद में अलग से रेल बजट (Railway Budget) पेश किया था, जिसके बाद 2017 में तत्तकालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने इसे बजट के साथ ही पेश किया.