Railway Budget 2023: बजट 2023 से भारतीय रेलवे को काफी सारी उम्मीदें हैं. साल 2022 में रेलवे ने देश की पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat) का विस्तार काफी तेजी से किया है. वहीं आगे भी इसे लेकर रेलवे ने कई सारी योजनाओं का ऐलान किया हुआ है. वहीं देश में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को और भी ज्यादा एफिशिएंट बनाने के लिए Railways लगातार काम कर रही है. इसमें ट्रेकों के विस्तार से लेकर रेलवे (Indian Railways) का इलेक्ट्रिफिकेशन भी शामिल है. इन सभी कामों को और तेजी से निपटाने के लिए रेलवे बजट में सरकार से काफी उम्मीदें लगाकर बैठा है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार बजट में रेलवे (Railway Budget 2023) के एलोकेशन को बढ़ा सकती है. 

रेलवे की है ये मांग

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बता दें कि बजट (Budget 2023) की तैयारी के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sithraman) और वित्त मंत्रालय के अधिकारी लगातार सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक करते हैं. इसमें रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने भी वित्त मंत्रालय के सामने अपनी मांगों को रखा है. सूत्रों के मुताबिक, रेलवे ने सरकार से बजट में 30 फीसदी ज्यादा एलोकेशन की मांग की है. 

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बजट में हो सकते हैं ये बड़े ऐलान

आम बजट 2023-24 में सरकार रेलवे को लेकर कई सारे बड़े ऐलान कर सकती है, जिसमें वंदे भारत ट्रेनों, ट्रैको के निर्माण, रेलवे के इलेक्ट्रिफिकेशन और वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Train) के विस्तार पर फोकस रहने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) इस बार बजट में रेलवे का एलोकेशन बढ़ा सकती हैं. इसका इस्तेमाल ट्रैकों के निर्माण और रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में किए जाने की उम्मीद है. 

वंदे भारत (Vande Bharat) को लेकर भी हो सकते हैं बड़े ऐलान

बजट (Budget 2023) में इस बार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Express Train) को लेकर भी कुछ बड़े ऐलान हो सकते हैं. देश में 100 नई वंदे भारत ट्रेनों को चलाने का ऐलान किया जा सकता है, इसमें नई स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों की भी घोषणा की जा सकती है. 

आम बजट का ही हिस्सा है रेल बजट

बता दें कि देश में 2016 से पहले, रेलवे बजट (Railway Budget) अलग से पेश किया जाता था. बजट के कुछ दिन पहले रेल मंत्री इसे संसद में पेश करते थे. लेकिन 2015 में नीति आयोग (Niti Aayog) की एक सिफारिश को मानते हुए सरकार ने इसे अलग से पेश करना बंद कर दिया. आखिरी बार, 2016 में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने संसद में अलग से रेल बजट (Railway Budget) पेश किया था, जिसके बाद 2017 में तत्तकालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने इसे बजट के साथ ही पेश किया.