Rail Roko Andolan: पंजाब में किसानों के आंदोलन ने थामी पहियों की रफ्तार 12 ट्रेनें कैंसिल, कई गाड़ियां हुई डायवर्ट
Rail Roko Andolan: किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर तीन दिवसीय रेल रोको आंदोलन का एलान किया है. इसके चलते फिरोजपुर डिविजन की 12 से अधिक ट्रेनों को कैंसिल किया गया.
Rail Roko Andolan: किसान संगठनों ने तीन दिवसीय 'रेल-रोको' आंदोलन के तहत गुरुवार को ट्रेन की पटरियों पर बैठकर प्रदर्शन किया, जिसके चलते फिरोजपुर डिवीजन की कम-से-कम 18 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेतृत्व में कई किसान संगठन तीन दिवसीय 'रेल नाकाबंदी' पर हैं. ये रेल नाकाबंदी आज से शुरू हुई. इस आंदोलन के जरिए किसान हाल में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए वित्तीय पैकेज, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी सहित कई अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
12 ट्रेनें कैंसिल
फिरोजपुर (FZR) डिवीजन के एक रेलवे अधिकारी ने कहा कि रेल नाकाबंदी आंदोलन के पहले दिन अब तक 18 ट्रेनों की सेवाएं प्रभावित हुई हैं. उन्होंने कहा कि इन 18 ट्रेनों में से 12 ट्रेनें, जो यहां से रवाना हुईं और यहां पहुंचीं, कैंसिल कर दी गई हैं और बाकी लंबी रूट की ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया है.
तीन दिवसीय आंदोलन का एलान
प्रदर्शनकारियों में से एक दिलबाग सिंह ने कहा कि तीन दिवसीय आंदोलन का आह्वान एक महीने पहले किया गया था. सरकार को हमारी मांगों का समाधान तब तक कर देना चाहिए था. हम चाहते हैं कि सरकार बातचीत करे और हमारी मांगों का समाधान प्रदान करे.
अमृतसर विरोध प्रदर्शन में मौजूद किसान मजदूर संघर्ष समिति के सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "अगर कोई पंजाब के किसानों के साथ अन्याय करने की कोशिश करेगा, तो हरियाणा के किसान भी पंजाब के किसानों के साथ शामिल हो जाएंगे. पूरे देश के किसान एकजुट हैं."
इन मांगों को लेकर जुटे हैं किसान
पंढेर ने आगे कहा कि "देवी दासपुरा में हजारों किसान उत्तर भारत में बाढ़ से फसलों को प्रभावित होने के मद्देनजर नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन करने के लिए अपने ट्रैक्टरों और बाइकों में एकत्र हुए हैं. उत्तर भारत में 18 यूनियनों ने आंदोलन का आह्वान किया है गृह मंत्री अमित शाह इसके पहले अमृतसर आए थे और उन्होंने एमएसपी गारंटी कानून लाने का वादा किया था लेकिन अभी तक समिति का गठन नहीं किया गया है. वहीं, दिल्ली आंदोलन के दौरान जो मामले दर्ज किए गए थे, वो अभी तक वापस नहीं लिए गए हैं."
50,000 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग
उन्होंने कहा कि इन आंदोलनों के दौरान जिन किसानों ने अपनी जान गंवाई उनके परिवारों को मुआवजा और नौकरी का आश्वासन दिया गया था, जो अभी तक नहीं मिला है. इसके अलावा हमने बाढ़ के मुआवजे के तौर पर 50,000 करोड़ की मांग की है.
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