बुलेट ट्रेन में होंगे कितनी कैटेगरी के कोच, क्या आम आदमी कर पाएगा सफर? रेल मंत्री ने बताया पूरा प्लान
Bullet Train Project:बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अहम अपडेट शेयर किया है. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बुलेट ट्रेन में कितने कैटेगरी के कोच होंगे. साथ ही कितना हुआ अभी तक काम.
Bullet Train Project: बुलेट ट्रेन परियोजना पर तेजी से काम चलने का दावा करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि बुलेट ट्रेन में दो श्रेणी होंगी, पहली सामान्य और दूसरी विशिष्ट वर्ग की. उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान वैष्णव ने पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है. उन्होंने कहा ‘‘320 फिलर बनाने का काम पूरा हो गया है। समुद्र के नीचे करीब 50 मीटर गहरी सुरंग बनाने तथा स्टेशन बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है.’
Bullet Train Project: बुलेट ट्रेन में होंगे दो कैटेगरी वाले कोच
रेल मंत्री ने बुलेट ट्रेन में श्रेणियों के बारे में पूछे गए एक पूरक प्रश्न के बारे में बताया कि 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो के निदेशक रहे ई श्रीधरन ने एक बहुत अच्छी व्यवस्था मेट्रो में की कि श्रेणी का वर्गीकरण नहीं होना चाहिए. तब मैं तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यालय में काम करता था. श्रीधरन की बात को ध्यान में रखते हुए बुलेट ट्रेन में दो श्रेणी होंगी, पहली सामान्य और दूसरी विशिष्ट वर्ग की होगी.’
Bullet Train Project: क्या आम जनता कर सकेगी सफर, जानिए क्या बोले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा ‘वंदे भारत में भी दो ही श्रेणी रखी गई थीं. हमारी प्राथमिकता एक ही श्रेणी की है ताकि कोई भी व्यक्ति कहीं भी आ कर बैठ सके. ऐसा इसलिए है क्योंकि हम जैसे समृद्ध समाज की परिकल्पना करते हैं तो उसमें श्रेणियां नहीं आतीं.’ रेल मंत्री ने बताया कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना में जापान के सहयोग से काम चालू हुआ है और इस परियोजना के दौरान काम करने के तरीके और प्रौद्योगिकी के बारे में भी अच्छी जानकारियां मिली हैं.
Bullet Train Project: अहमदाबाद से मुंबई तक चलेगी बुलेट ट्रेन
रेल मंत्री ने कहा कि दुनिया की करीब करीब सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने अपने बड़े शहरों को बुलेट ट्रेन से जोड़ा है. ‘यह एक जटिल प्रौद्योगिकी होती है. किसी भी वाहन की गति बढ़ने पर उसे नियंत्रित करने की बहुत जरूरत होती है.’ उन्होंने कहा कि भारत की पहली बुलेट मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी और यह जापान के सहयोग से होगा. उन्होंने कहा कि जापान ने 1969 में बुलेट ट्रेन पर काम शुरू किया और आज उसे इसमें महारत हासिल है.
Bullet Train Project: नए तरीके और नई जानकारियों का लगाया जा रहा है पता
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस परियोजना के साथ भारत में प्रौद्योगिकी को अच्छी तरह आत्मसात किया गया है. ‘इस परियोजना के साथ काम करने के कई नए तरीके तथा नयी जानकारियों का पता चला है जैसे एलीवेटेड ट्रैक को भूकंप रोधी कैसे बनाया जाए, एक साथ 40 मीटर लंबे, 1100 टन के गर्डर को कैसे लगाया जाए. कई बड़ी क्रेन तथा मोल्ड की प्रौद्योगिकी भी भारत में विकसित होने लगी है.’’ उन्होंने कहा कि इस परियोजना को एक परिवहन परियोजना के तौर पर नहीं देखना चाहिए.
Bullet Train Project: कोविड काल के बाद से अब तक लगाए गए हैं 320 फिलर
रेल मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन 4-5 बड़े शहरों की अर्थव्यवस्था को जोड़ कर एक बड़ी अर्थव्यवस्था बनाती है. जापान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन ने तोक्यो, नागोया, कोबेल, ओसाका और क्योटो शहरों की अर्थव्यवस्था को जोड़ा. इससे 100 किमी की यात्रा 15-20 मिनट या आधे घंटे की हो जाती है जो उपयोगी है. एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि बुलेट ट्रेन जटिल परियोजना है और उसका डिजाइन भी खास होता है तथा देश की भौगोलिक स्थिति के अनुसार तैयार किया जाता है. कई देशों को केवल डिजाइन में ही 20 साल लग गए. हमारे देश में बुलेट ट्रेन के लिए, कोविड काल के बाद 320 फिलर बनाने का काम पूरा हो जाना बड़ी बात है.
Bullet Train Project: क्या बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी चलाई जाएगी बुलेट ट्रेन
बकौल रेल मंत्री ने कहा, ‘बुलेट ट्रेन परियोजना में किसी भी तरह की कोई बाधा नहीं है. परियोजना जटिल है लेकिन सावधानी बरतते हुए इसका डिजाइन तैयार कर तेजी से काम चल रहा है.’ उनसे पूछा गया कि आने वाले दिनों में क्या बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे पिछड़े राज्यों में भी बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी. इस पर वैष्णव ने कहा ‘अभी जटिल प्रौद्योगिकी को समझने तथा आत्मसात करने पर तथा देश में इसकी औद्योगिक पारिस्थितिकी बनाने पर पूरा ध्यान केंद्रित है.'
रेल मंत्री के मुताबिक गर्डर उठाने वाली बड़ी क्रेन की प्रौद्योगिकी पहले तो बाहर से आई लेकिन अब ये क्रेन भारत में ही बनाई जा रही हैं.इसी तरह पहले मोल्ड की प्रौद्योगिकी भी बाहर से लाने के बाद भारत में ही तैयार की जा रही है.’ उन्होंने कहा कि जनसंख्या तथा बदलती परिस्थितियों को देखते हुए भविष्य में एलीवेटेड यात्री गलियारे बनाने होंगे.