देश की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का भारत सरकार ने लक्ष्य रखा है. भारत सरकार की के इस लक्ष्य को पूरा करने में रेलवे की भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी. दरअसल रेलवे की ओर से देश में माल के परिवहन के लिए प्रमुख रूप से रेलवे और जल मार्ग का प्रयोग किए जाने की बात कही गई है. बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रेलवे और जल मार्ग के जरिए माल का अधिक से अधिक परिवहन किए जाने से सड़कों पर भी गाड़ियों की भीड़ कम होगी.

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2019 में ही शुरू हो जाएगा ये ट्रैक

रेलवे की ओर से माल के परिवहन के लिए डेडिकेटेड तौर पर ट्रैक बनाए जा रहे हैं. इसके लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन बड़े पैमाने पर काम कर रहा है. रेलवे की ओर से इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडॉर के तहत खुर्जा से भावपुर के बीच ट्रैक बिछाने का काम 2019 में पूरा कर लिया जाएगा. और इस पर मालगाड़ियां चलने लगेंगी.

फ्रेट कॉरीडॉर पूरा करने का ये है लक्ष्य

इसी तरह वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडॉर के तहत 2020 तक रेवाड़ी से पालनपुर के बीच डेडिकेट फ्रेड कॉरीडॉर शुरू कर दिया जाएगा. रेलवे ने इस्टन व वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडॉर का पूरा काम 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

ये है इस्टर्न व वेस्टर्न कॉरीडॉर का प्लान

दिल्‍ली से मुंबई और दिल्‍ली से हावड़ा के बीच बन रहे वेस्‍टर्न और ईस्‍टर्न कॉरिडोर शुरू होने के बाद माल के परिवहन के समय में कमी आएगी. वेस्‍टर्न फ्रेट कॉरिडोर दिल्‍ली के करीब दादरी से शुरू होगा और लगभग 1500 किलोमीटर दूर मुंबई में जवाहर लाल नेहरू पोर्ट पर खत्‍म होगा. इसी तरह लगभग 1800 किलोमीटर लंबा वेस्‍टर्न फ्रेट कॉरिडोर पंजाब के लुधियाना से शुरू होगा और पश्चिम बंगाल के दनकुनी पर खत्‍म होगा.