सिक्किम को मिलेगा पहला रेलवे स्टेशन, पीएम मोदी देंगे बड़ी सौगात, तीन चरण में किया जाएगा काम
Rangpo Railway Station: नॉर्थ ईस्ट के राज्य सिक्किम को पहले रेलवे स्टेशन की सौगात मिलने वाली है. पीएम मोदी 26 फरवरी को वर्चुअली सिक्किम के पहले रेलवे स्टेशन रेंगपो का शिलन्यास करेंगे.
नॉर्थ ईस्ट के राज्य सिक्किम में आजादी के बाद पहली बार रेल पहुंचने वाली है. पीएम नरेंद्र मोदी 26 फरवरी को वर्चुअली सिक्किम के पहले रेलवे स्टेशन रेंगपो का शिलन्यास करेंगे. इसके अलावा पीएम मोदी 550 अमृत रेलवे स्टेशन की भी आधारशिला रखेंगे. गौरतलब है कि सिक्किम में अभी तक कोई रेलवे स्टेशन नहीं है. सिक्किम जाने के लिए अभी तक निकटतम रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल का जलपाईगुड़ी (187 किमी), सिलीगुड़ी (146 किमी) है.
Rangpo Railway Station: तीन चरणों में पूरा किया जाएगा रेंगपो रेलवे स्टेशन का काम
रेंगपो रेलवे स्टेशन का काम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले फेज में सिवोक से रेंगपो तक, दूसरा चरण रंगपो से गंगटोक तक और तीसरे चरण में गंगटोक से नाथुला तक स्टेशन तैयार किया जाएगा. रेल लाइन परियोजना सिवोक-रंगपो (44 किलोमीटर) की स्वीकृति साल 2022 में दी गई थी. 44.96 किलोमीटर की कुल लंबाई में से 38.65 किलोमीटर (86 प्रतिशत) सुरंगों में, 2.24 किलोमीटर (5 प्रतिशत) पुलों पर और 4.79 किलोमीटर (9 प्रतिशत) लंबाई स्टेशन यार्डों की ओपन कटिंग/फिलिंग में है.
Rangpo Railway Station: सिवोक-रंगपो प्रस्तावित लाइन में हैं 14 सुरंग, 44 किलोमीटर की दी स्वीकृत
सिवोक-रंगपो प्रस्तावित लाइन में 14 सुरंगें हैं जिनमें 5.30 किलोमीटर लंबी सुरंग है और सबसे छोटी सुरंग 538 मीटर की है. रेलवे लाइन पर सिवोक और रंगपो सहित पांच स्टेशनों के निर्माण की योजना है. चार स्टेशनों को खुले क्रॉसिंग स्टेशन जैसे, सिवोक, रियांग, मेली और रंगपो और एक भूमिगत हॉल्ट स्टेशन तीस्ता बाजार बनाने का प्रस्ताव है. पूर्वोत्तर क्षेत्र के 8 राज्यों में से, रेल नेटवर्क संपर्क अब 7 राज्यों में उपलब्ध है. सिक्किम के लिए, नई रेल लाइन परियोजना सिवोक-रंगपो (44 किलोमीटर) की स्वीकृति प्रदान की गई थी.
Rangpo Railway Station: 1500 रोड ओवर ब्रिज और अंडरपास का शिलान्यास करेंगे पीएम मोदी
रेलवे लाइन की सुरंगोंका निर्माण एनएटीएम (न्यू ऑस्ट्रियन सुरंग बनाने की प्रणाली) नामक नवीनतम तकनीक द्वारा किया गया है. पीएम नरेंद्र मोदी इसके अलावा 1500 रोड ओवर ब्रिज और अंडरपास का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित भी करेंगे. ये रोड ओवर ब्रिज और अंडरपास 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं. इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 21,520 करोड़ रुपए है.