Orange Vande Bharat: देश की पहली सेमी हाई स्पीड सबसे पहले 16 कोच के साथ अपने ट्रेडिशिनल नीले और सफेद रंग के साथ लॉन्च हुई थी. देखते-देखते ही इस ट्रेन की लोकप्रियता पूरे भारत में बढ़ गई है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इस वक्त 34 जोड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही है, जिसमें से कासरगोड-तिरुवनंतपुरम के बीच एक ऑरेंज कलर की वंदे भारत ट्रेन भी चलती है. रेलवे द्वारा नीली-सफेद वंदे भारत ट्रेन के बाद नए एडवांस फीचर्स के साथ ऑरेंज या केसरिया रंग में वंदे भारत ट्रेन को लाने को लेकर रेलमंत्री वैष्णव ने कहा कि इसके पीछे कोई राजनीतिक नहीं पूरी तरह से साइंटिफिक कारण हैं.

क्यों आई ऑरेन्ज वंदे भारत ट्रेन

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में पत्रकारों से बातचीत में इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि नारंगी रंग की वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने के पीछे कोई राजनीतिक कारण है. उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन के रंग को चुनने के पीछे पूरी तरह से साइंटिफिक सोच है. 

आंखों के लिए आसान है ऑरेंज देखना

रेल मंत्री ने कहा कि साइंस कहती है कि मानव की आंख दो रंगों को सबसे अधिक आसानी से देख लेती है,- पीला और नारंगी. यही कारण है कि यूरोप में लगभग 80 फीसदी ट्रेनों के रंग या तो नारंगी या पीले और नारंगी का मिश्रण होते हैं. 

उन्होंने कहा कि इन दो रंगों के अलावा सिल्वप जैसे कुछ और भी रंग हैं, जोस पीले और नारंगी जैसे ही चमकीले होते हैं, लेकिन हमारी आंखों की बात करें तो ये दो रंग आंखों के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं. वैष्णव ने कहा कि यही कारण है कि विमानों और जहाजों के ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग के होते हैं. यहां कि रेस्क्यू बोट, लाइफ जैकेट आदि जिनका इस्तेमाल NDRF करती है, वो भी नारंगी रंग के होते हैं. 

किस रूट पर चलती है पहली वंदे भारत ट्रेन

देश में पहली नारंगी रंग की वंदे भारत ट्रेन को पीएम नरेंद्र मोदी ने 24 सितंबर का कासरगोड और तिरुवनंतपुरम के लिए हरी झंडी दिखाई थी. इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ 9 जोड़ी वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी. कासरगोड-तिरुवनंतपुरम 31वीं वंदे भारत ट्रेन थी, जो 19 अगस्त को तमिलनाडु के चेन्नई के पेरंबूर में रेल कोच निर्माता इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में ट्रायल रन के लिए ट्रैक पर उतरी थी.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें