प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सोमवार को महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार तक जाने वाली 100वीं किसान रेल (Kisan Rail) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाएंगे. मल्टी कमोडिटी ट्रेन सेवा में फूलगोभी, शिमला मिर्च, गोभी, ड्रमस्टिक, मिर्च, प्याज जैसी सब्जियां होंगी. साथ ही अंगूर, संतरा, अनार, केला और कस्टर्ड सेब जैसे फल भी ले जाएंगे.

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मोदी 28 दिसंबर को शाम साढ़े चार बजे ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे. खराब होने वाली वस्तुओं की लोडिंग-अनलोडिंग की इजाजत बहु-वस्तु रेल सेवा के सभी रूटों पर दी जाएगी, जिसमें खेप के आकार पर कोई रोक नहीं होगी.

50% Subsidy बढ़ाई

केंद्र ने फल और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी बढ़ा दी है. इस साल 7 अगस्त को देवलाली से दानापुर के बीच पहली किसान रेल शुरू की गई थी, जिसे आगे बढ़ाकर मुजफ्फरपुर तक कर दिया गया.

हफ्ते में 3 दिन सप्‍लाई

किसानों के अच्छे रिस्पांस के कारण इसके फेरे भी Weekly से सप्ताह में 3 दिन बढ़ा दिए गए. किसान रेल देशभर में कृषि उत्पादों के तेजी से परिवहन को सुनिश्चित करने में एक गेम चेंजर रहा है. यह खराब होने वाले उत्पादों की सप्‍लाई चेन प्रदान करता है.

2020 बजट में हुआ ऐलान

बता दें कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने किसानों की उपज को देश की बड़ी मंडियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से 2020 के बजट (2020 budget) में किसान रेल (Kisan Rail) चलाने का ऐलान किया था. इन ट्रेनों के चलने का फायदा अब किसानों को मिलने लगा है.

अगस्‍त में चली पहली Train

Indian railways ने पहली किसान रेल अगस्त 2020 में महाराष्ट्र (Maharashtra) में देवली (Deoli) से बिहार (Bihar) के दानापुर (Danapur) के लिए चलाई थी. अब इस ट्रेन को मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) तक के लिए बढ़ा दिया गया है. फिलहाल रेलवे 9 रूटों पर किसान रेल चला रहा है. 27000 टन कृषि उत्पादों का ट्रांसपोर्टेशन अब तक किसान रेल से किया जा चुका है.

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