रेलवे पटरियों के नट बोल्ट निकालते बच्चों का वायरल हुआ वीडियो, Fact Check में आई चौंकाने वाली सच्चाई
रेलवे से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि वीडियो भारत का है और बच्चे रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं. जानिए क्या है वीडियो की सच्चाई.
रेलवे ट्रैक से जुड़ी घटनाओं के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें एक रेलवे ट्रैक पर कुछ बच्चे दिख रहे हैं। इस वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि वीडियो भारत का है और बच्चे रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं. पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क ने जब वायरल दावे की पड़ताल की तो पाया कि वीडियो भारत का नहीं बल्कि पाकिस्तान के कराची का है. सोशल मीडिया यूजर्स पाकिस्तान के पुराने वीडियो को भारत का बताकर गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है वीडियो, आ गए हैं एक लाख से ज्यादा व्यूज
सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'फेसबुक' पर एक यूजर ने इसे एक पोस्ट में शेयर करते हुए लिखा, “इस उम्र में ये रेल की पटरियां उखाड़ रहे हैं. सोचिए, अगले 50 वर्षों में ये क्या करेंगे? डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी ने इनके बारे में क्या कहा था, उसे सत्ता को पढ़ना और समझना चाहिए. केवल उनके नाम जाप से कुछ नहीं होगा.” इस वीडियो को कई दूसरे यूज़र्स अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर कर रहे हैं और इन पोस्ट्स पर करीबन 1 लाख से ज्यादा व्यूज आ चुके हैं.
पांच दिसंबर 2023 को पाकिस्तान ट्रेन पेज पर पोस्ट किया था वीडियो
दावे की सत्यता जांचने के लिए पीटीआई फैक्ट चेक टीम ने इनविड टूल की मदद से वीडियो के की फ्रेम्स निकाले और फिर रिवर्स इमेज सर्च की मदद से Pakistani Trains नाम के फेसबुक पेज पर पहुंचे जहां यह वीडियो 5 दिसंबर 2023 को अपलोड किया गया था. इस वीडियो में दिख रहे रेलवे ट्रैक के संदर्भ में बताया गया कि यह पाकिस्तान के सर ताज खान पहाड़ी वोट बेसिन चौकी के पास की रेलवे लाइन का है. इस फेसबुक पोस्ट में यह बताया गया कि ट्रैक पर नजर आ रहे बच्चे कुछ सामान चोरी कर रहे हैं और इसके खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया.
कराची पुलिस ने तत्काल लिया था एक्शन
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए डेस्क ने पाया कि कराची की पुलिस ने तत्काल एक्शन लिया और रेलवे ट्रैक से सामान चोरी कर रहे बच्चों को पकड़कर थाने ले जाया गया. बाद में अभिभावकों के आश्वासन के बाद बच्चों को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया. पीटीआई फैक्ट चेक की पड़ताल से यह साफ हुआ कि वायरल वीडियो भारत का नहीं बल्कि पाकिस्तान के कराची का है. यूजर्स पाकिस्तान के पुराने वीडियो को भारत का बताकर सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं.