कंचनजंगा ट्रेन हादसे में सामने आई बड़ी लापरवाही! रेलवे रूट पर तीन घंटे से खराब था सिग्नल, जानिए कैसे हुई चूक?
Kanchanjunga Express Accident: पश्चिम बंगाल में रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट जंक्शन के बीच स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली सुबह 5.50 बजे से ही खराब थी. इसी स्थान पर एक मालगाड़ी ने सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी थी.
Kanchanjunga Express Accident: पश्चिम बंगाल में रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट जंक्शन के बीच स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली सुबह 5.50 बजे से ही खराब थी. इसी स्थान पर एक मालगाड़ी ने सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी थी. रेलवे के एक सूत्र ने यह जानकारी दी.
सूत्र ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, "ट्रेन संख्या 13174 (सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस) सुबह 8:27 बजे रंगापानी स्टेशन से रवाना हुई थी और सुबह 5:50 बजे से स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली के खराब होने के कारण रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट के बीच रुक गई."
स्टेशन मास्टर जारी करता है टीए 912
एक अन्य रेलवे अधिकारी के मुताबिक, जब स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली विफल हो जाती है, तो स्टेशन मास्टर 'टीए 912' नामक एक लिखित आधिकार-पत्र जारी करता है, जो चालक को खराबी के कारण उस सेक्शन के सभी रेड सिग्नलों को पार करने का अधिकार देता है.
ट्रेन के पिछले हिस्से से टकराई मालगाड़ी
सूत्र ने बताया, "रानीपतरा के स्टेशन मास्टर ने ट्रेन संख्या 13174 (सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस) को ‘टीए 912’ जारी किया था." उन्होंने कहा, "जीएफसीजे नामक एक मालगाड़ी लगभग उसी समय सुबह 8:42 बजे रंगापानी से रवाना हुई और 13174 नंबर ट्रेन के पिछले हिस्से से टकरा गई. जिसके परिणामस्वरूप गार्ड का डिब्बा, दो पार्सल डिब्बे और एक सामान्य डिब्बा पटरी से पटरी से उतर गये."
लोको पायलट ने किया सिग्नल का उल्लंघन
रेलवे बोर्ड ने अपने शुरुआती बयान में कहा कि मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल का उल्लंघन किया था. उसने हादसे में मरने वालों की संख्या पांच बताई. हालांकि, कुछ स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि मरने वालों की संख्या 15 तक हो सकती है. सूत्रों ने कहा कि जांच से ही पता चल सकेगा कि क्या मालगाड़ी को खराब सिग्नल को तेज गति से पार करने के लिए 'टीए 912' दिया गया था या फिर लोको पायलट ने खराब सिग्नल के नियम का उल्लंघन किया था.
क्या हो अगर सिग्नल खराब हो
अगर मालगाड़ी को ‘टीए 912’ नहीं दिया गया था तो चालक को प्रत्येक खराब सिग्नल पर ट्रेन को एक मिनट के लिए रोकना था तथा 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ना था. लोको पायलट संगठन ने रेलवे के इस बयान पर सवाल उठाया है कि चालक ने रेल सिग्नल का उल्लंघन किया.
भारतीय रेलवे लोको रनिंगमैन संगठन (आईआरएलआरओ) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने कहा, "लोको पायलट की मृत्यु हो जाने और सीआरएस जांच लंबित होने के बाद लोको पायलट को ही जिम्मेदार घोषित करना अत्यंत आपत्तिजनक है."
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा के अनुसार, टक्कर इसलिए हुई क्योंकि एक मालगाड़ी ने सिग्नल की अनदेखी की और सियालदह जा रही कंचनजंघा एक्सप्रेस को टक्कर मार दी.