Kanchanjunga Express Accident: ट्रेन हादसे को रोकने के लिए बना कवच सिस्टम क्यों नहीं आया काम? जानें क्या असली वजह
Kanchanjunga Express Accident: टक्कर लगने के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस की कई बोगियां पटरी से उतर गईं, जिसमें कई लोगों की जान चली गई और काफी लोग घायल हैं. जानिए पूरा मामला
Kanchanjunga Express Accident: ट्रेन हादसे की खबर सुनते ही बवाल मचने लगता है कि सुरक्षा क्यों नहीं देखी गई. ऐसा ही एक बड़ा हादसा सुनने में आया 17 जून को पश्चिम बंगाल के न्यू जसपाई गुड़ी से. दरअसल इस हादसे में एक मालगाड़ी ने सियालदाह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी. टक्कर लगने के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस की कई बोगियां पटरी से उतर गईं, जिसमें कई लोगों की जान चली गई और काफी लोग घायल हैं. लेकिन सबसे पहले सवाल यही आता है कि ट्रेन हादसे को रोकने के लिए बना कवच सिस्टम क्यों उस समय काम नहीं आया. क्या है इसकी असली वजह आइए जानते हैं.ा
VIDEO | Kanchanjunga Express train accident: Visuals from the accident spot where rescue operation is underway. pic.twitter.com/vaY1U4i5Py
— Press Trust of India (@PTI_News) June 17, 2024
रेलवे की तरफ से अभी तक इस तरह के ट्रेन हादसों को रोकने वाले कवच सिस्टम को लेकर कोई अपडेट नहीं दिया है. लेकिन हम आपको बताते हैं रेलवे के इस सेफ्टी सिस्टम कवच के बारे में. जानेंगे कवच सिस्टम क्या है, कैसे काम करता है.
क्या है कवच सिस्टम
'कवच' चलती ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है. इसे तीन भारतीय कंपनियों के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है. 'कवच' न सिर्फ ट्रेन के चालक को खतरे में सिग्नल पास करने और तेज गति से गाड़ी चलाने से बचाव में मदद करता है बल्कि इससे खराब मौसम के दौरान ट्रेन चलाने में भी मदद मिलती है. इस तरह ट्रेन परिचालन की सुरक्षा और दक्षता बढ़ती है.
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कैसे काम करता है कवच सिस्टम
कवच (Kavach) सिस्टम ट्रेन के लोको पायलट को ऑटोमैटिक ब्रेक लगाने में मदद करता है. अगर लोको पायलट ब्रेक न भी लगा पाए तो ये ट्रेनों को टक्कर से बचाता है. खराब मौसम में भी ट्रेनों को चलाने में लोको पायलट की मदद करता है.
एक सीनियर रेलवे अधिकारी ने बताया कि कई सारे कंपोनेंट्स से मिलकर एक पूरा कवच सिस्टम तैयार होता है. लोको पायलट के अंदर कवच सिस्टम सिर्फ एक कंपोनेंट हैं. इसके बाद स्टेशन पर सिस्टम लगाना होता है और ट्रैक पर सिग्नल टावर और ऑप्टिकल फाइबर केबल में सिग्नल ट्रांसमिटिंग सिस्टम भी आता है.
अधिकारी ने बताया कि ट्रेन के लोको इंजन में कवच सिस्टम का होना तब तक काफी नहीं है, जब तक अन्य सभी जगहों पर ये कवच सिस्टम न लगा हो. वर्तमान में कवच सिस्टम वाराणसी-नई दिल्ली मार्ग पर मौजूद नहीं है. उन्होंने बताया कि कवच सिस्टम केवल उन्हीं रेल खंडों में काम करेगी, जहां ये सभी कंपोनेंट लगे हों.
सरकार का ऐलान
रेलमंत्री वैष्णव ने को एक्स पर लिखा, ''पीड़ितों को बढ़ी हुई अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी; मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से चोटिल को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.''
Enhanced ex-gratia compensation will be provided to the victims;
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 17, 2024
₹10 Lakh in case of death,
₹2.5 Lakh towards grievous and ₹50,000 for minor injuries.
03:24 PM IST