Kanchanjunga Express Accident: पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के पास एक मालगाड़ी ने सोमवार को कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन में पीछे से टक्कर मार दी थी. इस हादसे में चालक सहित 10 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 40 अन्य घायल हो गए थे. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल के दो स्टेशन रानीपात्रा (RNI) और चत्तर हाट (कैट) के बीच सुबह करीब छह बजे स्वचालित सिग्नल प्रणाली खराब हो गई थी और आरएनआई के स्टेशन मास्टर ने कैट तक सभी नौ खराब सिग्नल को पार करने के लिए प्रत्येक ट्रेन चालक को टी/ए 912 पत्र जारी किया था. इस दुर्घटना के बाद पूर्वी रेलवे ने बुधवार को कागजी सिग्नल फॉर्म पर रोक लगा दिया था. हालांकि, पूर्वी रेलवे ने 24 घंटे के अंदर ही इस आदेश को वापस ले लिया है.

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बुधवार को कैंसिल किया था कागजी सिग्नल फॉर्म

बता दें कि सियालदह रेल मंडल ने विशिष्ट अधिकार पत्र 'टी/ए 912' जारी करने पर रोक लगा दिया था. यह पत्र स्वचालित सिग्नल प्रणाली के विफल होने की स्थिति में ट्रेन चालक को लाल सिग्नल पार करने की अनुमति देता है और यह स्टेशन मास्टर द्वारा ट्रेन चालक को सौंपा जाता है. 

सियालदह (पूर्वी रेलवे) के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया, "कल महाप्रबंधक, प्रधान मुख्य सुरक्षा अधिकारी (PCSO) और अन्य प्रधान विभागाध्यक्ष (PHOD) की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि टी/ए 912 जारी करना अगले आदेश तक निलंबित रहेगा. सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध है कि वे इस आदेश का सख्ती से पालन करें. आदेश का किसी भी तरह से उल्लंघन गंभीरता से लिया जाएगा." 

क्या है विवाद?

पत्र टी/ए 912 को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब यह बात सामने आई कि कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मारने वाली मालगाड़ी के चालक के पास स्टेशन मास्टर से नौ लाल सिग्नल को पार करने का अधिकार पत्र था. सिग्नल प्रणाली में खराबी के कारण यह पत्र मालगाड़ी चालक को सौंपा गया था. 

यह दुर्घटना उस समय हुई जब स्टेशन मास्टर ने एक मालगाड़ी के चालक को टी/ए 912 जारी किया, जो सामान्य गति से आगे बढ़ रही थी और खराब सिग्नल पर खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस से टकरा गई. इस दुर्घटना के बाद से ही टी/ए 912 पत्र को लेकर रेलवे बोर्ड के अधिकारियों और लोको पायलट संघों के बीच विवाद शुरू हो गया. 

क्या कहता है नियम?

रेलवे बोर्ड ने कहा कि मालगाड़ी चालक को प्रत्येक खराब सिग्नल पर एक मिनट रुकने के बाद 10 किमी प्रति घंटे की गति बनाए रखनी चाहिए थी. वहीं, लोको पायलट संघों ने कहा कि ऐसा कहना सही नहीं है. भारतीय रेलवे लोको रनिंगमैन संगठन (आईआरएलआरओ) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी के अनुसार, टी/ए 912 तब जारी किया जाता है जब दो स्टेशनों के बीच सभी लाइन खाली होती हैं और चालक रेलवे के मानदंडों के अनुसार सामान्य गति से चलता है. 

इस बीच, एक लोको निरीक्षक ने अपनी पहचान उजागर न करने की शर्त पर कहा, "एक रेल मंडल द्वारा टी/ए 912 को निलंबित करना अपने आप में इस बात का सबूत है कि इस प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ है और इसकी समीक्षा की जरूरत है."