IRCTC Data Monetisation: भारतीय रेलवे की सब्सिडियरी कंपनी IRCTC ने हाल ही में एक टेंडर जारी कर जानकारी दी थी कि वो डिजिटल एसेट मोनेटाइजेशन के जरिए 1000 करोड़ रुपए जुटाने का प्लान बना रही है. इसे लेकर आज यानी सोमवार (22 अगस्त) को IRCTC और KPMG के बीच बैठक होने वाली है. इस बैठक में डिजिटल एसेट मोनेटाइजेशन के लिए बनाए गए पूरे प्लान पर चर्चा होगी. बता दें कि IRCTC ने टेंडर जारी कर बताया था कि आपके पर्सनल डाटा को बेचने जा रही है. जी हां, और इससे IRCTC को करीब हजार करोड़ रुपये की कमाई होगी. हालांकि कंपनी ने कस्टमर्स के डाटा की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखने की भी बात कही थी. 

29 अगस्त तक मंगाई बोलियां

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IRCTC ने डिजिटल एसेट मोनेटाइजेशन के लिए 29 अगस्त तक बोलियां मंगाई हैं. आज KPMG के साथ इसे लेकर चर्चा है और इसके बाद भी टेंडर और कंसल्टेंट नियुक्ति की प्रक्रिया जारी रहेगी. बता दें कि डिजिटल एसेट मोनेटाइजेशन प्रस्ताव पर रेल मंत्रालय ने पहले ही कानून मंत्रालय और Meity से चर्चा की है. 

जल्दबाजी नहीं करेगा रेलवे

बता दें कि इस सिलसिले में रेलवे कोई जल्दबाजी नहीं करने वाला है. इस प्रस्ताव के अमल के लिए नए आईटी कानून के पास होने तक देरी संभव है. हालांकि डिजिटल ऐसेट मोनेटाइजेशन पर कंसल्टेंट की सलाह और प्रस्तावित Ventures पर चर्चा जारी रहेगी. 

IRCTC के पास है 1000 करोड़ रुपये का डाटा

एक अनुमान के मुताबिक रेलवे की कुल बुकिंग का 80 फीसदी शेयर IRCTC के पास ही है. ऑनलाइन टिकट बुकिंग की जिम्मेदारी भी रेलवे ने सिर्फ IRCTC को ही दे रखा है. इस लिहाज से आईआरसीटीसी के कस्टमर्स की तादाद बहुत ही ज्यादा है. IRCTC के पास अपने कस्टमर्स का कुल 1000 करोड़ रुपये का डाटा होगा और IRCTC इनसे इतनी ही कमाई कर सकती है. 

IRCTC ने कहा डाटा रहेगा सुरक्षित

इस बारे में जब जी बिजनेस ने IRCTC से उनका रुख जानना चाहा तो, कंपनी का कहना है कि कस्टमर्स के डेटा को कहीं बाहर नहीं दिया जा रहा है. हालांकि इस डाटा के जरिए वह अपनी कमाई बढ़ाना चाहती है. IRCTC आपे ही डाटा का इस्तेमाल करके अपनी सर्विस और फूड कैटरिंग बिजनेस को और आगे बढ़ाना चाहती है.