रेलवे स्टेशनों पर निकलने वाले कचरे से बन रही बायोगैस और बिजली, पर्यावरण को भी हो रहा फायदा
भारतीय रेलवे ने ठोस कचरे को बायोगैस में परिवर्तित कियने की योजना पर काम करना शुरु किया है. इसके जरिए एक तरफ जहां स्टेशनों की स्वच्छता बनाए रखने के मिलती है वहीं पर्यावरण संरक्षित में भी मदद मिलती है. मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र लगाया गया है इसका काफी बेहतर प्रयोग हो रहा है.
भारतीय रेलवे ने ठोस कचरे को बायोगैस में परिवर्तित कियने की योजना पर काम करना शुरु किया है. इसके जरिए एक तरफ जहां स्टेशनों की स्वच्छता बनाए रखने के मिलती है वहीं पर्यावरण संरक्षित में भी मदद मिलती है. मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र लगाया गया है इसका काफी बेहतर प्रयोग हो रहा है.
मुम्बई में स्टेशन पर लगाया बायोगैस संयत्र
मुम्बई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर स्टेशन के कचरे को एकत्र कर उन्हें डिग्रेडेबल और नॉन डिग्रेडेबल वेस्ट के तौर पर अलग - अलग किया जाता है. इसके बाद बायोडिग्रेडेबल कचरे का प्रयोग कर बायो गैस बनाई जा रही है. प्लांट से मिलने वाली बायोगैस का प्रयोग स्टेशन पर बने किचन में किया जाता है.
नई दिल्ली स्टेशन पर कचरे से बिजली बनाने की योजना
रेलवे की ओर से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी कचरे से बिजली बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से एकत्र होने वाले कचरे को इस कचरे से बिजली बनाने वाले प्लांट को दिया जाएगा.
जयपुर में भी कचरे के प्रबंधन पर किया जा रहा है काम
रेलवे देश के कई रेलवे स्टेशनों पर सॉलिट वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगा रहा है. जयपुर रेलवे स्टेशन पर सॉलिड वेस्ट के प्रबंधन के लिए इकोफ्रैंडली तरीके से काम किया जा रहा है. कचरे को एकत्र कर उन्हें गीले व सूखे कचरे में बांटा जाता है.