श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने 70 हजार लोगों को घर पहुंचाया, जानिए रेलवे की क्या है तैयारी
भारतीय रेलवे (Indian Railway) राज्य सरकारों की मांग पर उनके नागरिकों को राज्यों तक पहुंचाने के लिए 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' (Shramik Special Train) चला रहा हैं. रेल के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक अब तक 62 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं. मंगलवार को 13 और ट्रेनें चलाई जा सकती हैं. अब तक 70000 लोगों को इन ट्रेनों के जरिए उनके राज्यों तक पहुंचाया जा चुका है.
कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए देशभर में 17 मई तक लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद देश भर में फंसे हुए प्रवासी मजूदरों (Migran Workers), तीर्थ यात्रियों और छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे (Indian Railway) राज्य सरकारों की मांग पर उनके नागरिकों को राज्यों तक पहुंचाने के लिए 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' (Shramik Special Train) चला रहा हैं. रेल के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक अब तक 62 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं. मंगलवार को 13 और ट्रेनें चलाई जा सकती हैं. अब तक 70000 लोगों को इन ट्रेनों के जरिए उनके राज्यों तक पहुंचाया जा चुका है. मांग को देखते हुए रेलवे 17 मई तक 300 तक ट्रेनें चला सकता है. राज्यों की मांग को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने पूरी तैयारी कर रखी है.
इस तरह मिलेगा श्रमिक एक्सप्रेस का टिकट
रेलवे की ओर से चलाई जा रही ये श्रमिक स्पेशल ट्रेनें (Labor special trains) राज्यों की मांग के आधार पर चलाई जा रही हैं. ऐसे में इन ट्रेनों में सिर्फ उन यात्रियों को ही ले जाया जा रहा है जिनकी सूची राज्यों की ओर से रेलवे को दी जा रही है. सभी राज्यों ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की है. ऐसे में अगर आपको इन स्पेशल ट्रेनों (Special trains) के जरिए अपने घर जाना है तो आपको अपने राज्य की ओर से शुरू की गई सुविधा के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा. आपके राज्य के जरिए ही आपको ट्रेन में यात्रा के लिए टिकट दिया जाएगा.
जानिए कौन देगा किराया
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक श्रमिक ट्रेनें राज्यों के अनुरोध पर चलाई जा रही हैं. भारत सरकार की ओर से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में श्रमिकों से किराया वसूलने की कोई बात नहीं की गई है. सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ट्रेनों में 85% किराया भारतीय रेलवे और 15% राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा.
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इन नियमों का करना होगा पालन
प्रोटोकॉल्स (protocol) के मुताबिक फंसे हुए लोगों को भेजने वाले और रिसीव करने वाले दोनों राज्य सरकारों के अनुरोध पर ये विशेष रेलगाडि़यां एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलेंगी. रेलवे और राज्य सरकारों के बीच सामंजस्य और श्रमिक स्पेशल्स ट्रेन चलाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी (nodal officer) नियुक्त किया जाएगा. प्रोटोकॉल के मुताबिक यात्रियों को भेजने वाले राज्यों की ओर से यात्रा कर रहे यात्रियों की जांच की जाएगी और यात्रा की अनुमति केवल उन्हीं लोगों को दी जाएगी जिनमें कोई लक्षण नहीं पाया जायेगा. भेजने वाली राज्य सरकारों को इन लोगों को ट्रेन में बिठाने के लिए निर्धारित रेलवे स्टेशन तक सैनिटाइज्ड बसों में बैठाकर सामाजिक दूरी के नियमों और अन्य सावधानियों का पालन करते हुए जत्थों में लाना होगा. प्रत्येक व्यक्ति के लिए फेस कवर लगाना अनिवार्य होगा. भेजने वाले राज्यों द्वारा शुरुआती स्टेशन पर उनके लिए भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाएगा.