Indian Railways: प्लास्टिक बैन के बाद वेंडर्स ने शुरू किया ये काम, पैसेंजर्स को पसंद आ रहा ये प्रयोग
भारतीय रेलवे (Indian Railways) स्टेशनों और ट्रेनों में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने के लिए कई तरह से प्रयास कर रहा है. स्टेशनों पर सामान बेचने के लिए वेंडर्स ने अब पत्तों से बने दोने में सामान बेचना शुरू किया है. यात्रियों को भी वेंडर्स का ये प्रयोग पसंद आ रहा है.
भारतीय रेलवे (Indian Railways) स्टेशनों और ट्रेनों में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने के लिए कई तरह से प्रयास कर रहा है. इसी प्रयास के तहत रेलवे ने सभी स्टेशनों पर वैंडर्स को निर्देश दिए हैं कि वे खाने- पीने का सामान बेचने के लिए पॉलीथीन बैग का इस्तेमाल न करें. ऐसे में स्टेशनों पर सामान बेचने के लिए वेंडर्स ने अब पत्तों से बने दोने में सामान बेचना शुरू किया है. यात्रियों को भी वेंडर्स का ये प्रयोग पसंद आ रहा है.
पत्ते से बने दोनों में बिक रहा सामान
वेस्टर्न रेलवे के रतलाम मंडल में कुछ स्टेशनों जैसे कालाकुंड, जावरा और मंदसौर पर प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर वेंडर्स ने पत्तों के बने दोनों में खाने- पीने का सामान बेचना शुरू किया है. वहीं उन्होंने अपने स्टॉल के साथ कूडेदान भी रखा है जिसमें ये पत्ते के बने दोने इक्कट्ठा कर इन्हें बाद में फेंका जा रहा है. ये पत्ते से बने दोने पूरी तरह से बायो डिग्रेडेबेल हैं.
पैंट्रीकार में लगाई बॉटल क्रशिंग मशीन
चलती ट्रेन में प्लास्टिक की पानी की बोतलों पर लगाम लगाने के लिए रेलवे ने हाल ही में एक अनोखा प्रयोग किया है. वेस्टर्न रेलवे में ट्रेन की LHB पैंट्रीकार में PET बॉटल क्रशिंग मशीन लगाई है. ये मशीन प्लास्टिक की बोतलों को छोटे - छोटे टुकड़ों में काट देती है. इन प्लास्टिक के टुकड़ों का दुबारा प्रयोग किया जा सकता है. रेलवे की ओर से LHB पैंट्रीकार में लगाई गई PET बॉटल क्रशिंग मशीन की क्षमता 3000 बोतल प्रति दिन की है. ट्रेनों में यात्रियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बोतलों के साइज को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने इस मशीन को इस हिसाब से डिजाइन किया है कि इसमें 200 मिलीलीटर से 2.5 लीटर तक की बोतल को क्रश किया जा सके.
रेलवे स्टेशनों पर नहीं मिलेगी पॉलीथीन
रेल मंत्रालय ने देश के सभी रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. यह रोक 2 अक्टूबर से लागू होगी. रेल मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, देशभर के सभी रेलवे स्टेशन और दफ्तरों में एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक नही दिखेगी. वेंडर भी पॉलीथिन या कप का इस्तेमाल नही कर सकेंगे. 50 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिक पर पाबंदी लगाई जा रही है. इसके साथ ही रेलवे मंत्रालय पानी की बोतलों के लिए हर स्टेशन पर क्रशिंग मशीन लगाएगा.