कोरोना महामारी से लड़ाई में भारतीय रेलवे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. रेल मंत्रालय की ओर से सभी जोन को जून और जुलाई महीने में 3 लाख PPE kit बनाने के लिए कहा है. भारतीय रेलवे का उत्तर रेलवे जोन  PPE kit के प्रोडक्शन में जोर शोर से लगा है. तीन लाख के लक्ष्य में से 130000  PPE kit अकेले नॉर्दन बना रहा है.  उत्तर रेलवे ने जून महीने के शुरुआती 8 दिनों में 10 हजार किट तैयार कर दी हैं. ये पूरे रेलवे में इस दौरान बनने वाली किट का 65 फीसदी है.  गौरतलब है कि कोविड 19 महामारी के बाद रेलवे ने पहली बार पीपीई किट को सफलता पूर्वक बनाया और रेलवे के अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरत को पूरा किया.  

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उत्तर रेलवे बड़े पैमाने पर कर रहा है प्रोडक्शन 

उत्तर रेलवे के प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर अरुण अरोड़ा ने बताया कि भारतीय रेलवे ने अब तक 99000 PPE kit तैयार की हैं. इनमें से  40501 पीपीई किट नॉर्दन रेलवे ने तैयार की है. उत्तर रेलवे की जहगाधरी और चारबाग वर्कशॉप में ये काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि रेलवे की ओर से बनाई जा रही किट मार्केट में उपलब्ध किट की तुलना में आधा कीमत पर बनाई जा रही है. 

गाड़ियां चलाने के लिए है पूरी तैयारी 

उन्होंने बताया कि उत्तर रेलवे ने डीजल लोको, ईएमयू, एमईएमयू और डीएमयू गाड़ियों की ओवरहॉलिंग के काम की भी तैयारी की है. एक जुलाई से लॉकडाउन खुलते ही इस काम को पूरी क्षमता के साथ तेजी से किया जाएगा. 

DRDO ने किया अप्रूव 

भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने अपनी वर्कशॉपों में बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) बना रहा है.  उत्तर रेलवे की वर्कशॉपों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) से पीपीई को बनाने की मंजूरी मिल है. जांच में उत्तर रेलवे की वर्कशॉप की पीपीई किट की क्वॉलिटी काफी बेहतर पाई गई. 

 

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डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ को मिल रही है मदद 

PPE किट रेलवे सहित अन्य अस्पतालों में कोरोना वायरस के इलाज में लगे रेलवे चिकित्सकों और अस्पताल के कर्मचारियों को आवश्यक सुरक्षा उपलब्ध करा रहा है. कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही इनकी जरूरत भी बढ़ रही है.