Indian Railways: देश की प्रीमियम ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Train) को लेकर रेलवे ने एक अहम फैसला किया है. यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे यु्दध के चलते यूक्रेन से वंदे भारत ट्रेन के पहिये का इम्पोर्ट (आयात) प्रभावित होने के बाद रेलवे ने अब इन्हें बेंगलुरु में बनाने का फैसला किया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. वंदे भारत रेलगाड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा योजना है और रेलवे इसे तय कार्यक्रम के मुताबिक आगे बढ़ाना चाहता है.

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यूक्रेन से चली खेप रोमानिया में अटकी है

खबर के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि 128 पहियों की पहली खेप यूक्रेन से उसके पड़ोसी देश रोमानिया में सड़क मार्ग से पहुंचाई गई है और इस समय वहीं अटकी हुई है. उन्होंने कहा कि इस खेप को मई के तीसरे सप्ताह तक हवाई जहाज के जरिए भारत लाने की उम्मीद है. यूक्रेन को कुल 1.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर में 36,000 पहियों का ऑर्डर दिया गया है.

अगले दो-तीन महीनों में उत्पादन पूरा होने की उम्मीद

यूक्रेन में युद्ध के चलते विनिर्माण प्रभावित होने से अब बेंगलुरु के यलहंका स्थित भारतीय रेल (Indian Railways) की रेलवे व्हील फैक्ट्री में दो वंदे भारत रेक के पहिये (Vande Bharat Train wheel) बनाए जाएंगे. वंदे भारत एक्सप्रेस के एक रेक में 16 डिब्बे होते हैं. सूत्रों ने कहा कि रेलवे व्हील फैक्ट्री (आरडब्ल्यूएफ) ने इन पहियों के लिए जरूरी पुर्जों के लिए टेंडर जारी की है और अगले दो-तीन महीनों में उत्पादन पूरा होने की उम्मीद है. रेल पहिया कारखाना इन पहियों के लिए एक्सल बनाती रही है. यहां तक कि आयातित पहियों के एक्सल भी यहां बनाए गए हैं.

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रेलवे 60-70 प्रतिशत पहियों का आयात करता है फिलहाल

इस फैसले से रेलवे (Indian Railways) को रेलगाड़ियों के पहियों के आयात पर निर्भरता कम करने में भी मदद मिलेगी. इस समय रेलवे 60-70 प्रतिशत पहियों का आयात करता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 में घोषणा की थी कि अगले तीन वर्षों में 400 नई वंदे भारत रेलगाड़ियों (Vande Bharat Train) का विकास किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित समयसीमा के मुताबिक 15 अगस्त 2023 तक ऐसी 75 रेलगाड़ियों को चलाने का लक्ष्य है.