ट्रेन में वेटिंग का झंझट जाओ भूल! रेलवे के 'मिशन रफ्तार' से सबको हर बार मिलेगा कंफर्म टिकट, जानें कैसे
Mission Raftaar: ट्रेन में सभी को कंफर्म ट्रेन टिकट दिलाने के लिए रेलवे पूरी तेजी के साथ 'मिशन रफ्तार' पर काम कर रही है. इस साल जुलाई तक एक वंदे स्लीपर ट्रेन के आने की भी उम्मीद है.
Mission Raftaar: ट्रेनों में वेटिंग का झंझट खत्म करने और सभी को कंफर्म ट्रेन टिकट दिलाने के लिए रेलवे ने अपनी कमर कस ली है. अभी हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी एक इंटरव्यू में कहा है कि अगले पांच साल में सभी को कंफर्म ट्रेन टिकट मिलेगा. इसके लिए रेलवे फास्ट ट्रैक की तैयारियों में जुटी है. ट्रेन की गति को बढ़ाने और ट्रेनों की संख्या को मजबूत करने के लिए रेलवे 'मिशन रफ्तार' पर काम कर रही है, जिसमें रेलवे 400 से अधिक अड़चनों को दूर करने वाली है.
हाई-स्पीड ट्रेनों को बढ़ावा
सरकार रेलवे को गति देने के लिए सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए ट्रैफिक और बिजी रूटों के रेल नेटवर्क पर 400 से अधिक अड़चनों को ढूंढ कर समाप्त किया जा रहा है. इसके साथ ही रेलवे ट्रैफिक को स्मूद रखने के लिए रोड ओवरब्रिज (आरओबी) और रेलवे अंडरब्रिज (आरयूबी) का निर्माण भी कर रही है.
वंदे स्लीपर पर क्या है अपडेट?
पैसेंजर्स की सुविधा के लिए रेलवे लगातार ट्रेनों की संख्या को बढ़ाने पर भी काम कर रही है. अगले साल जनवरी से ट्रेनों की संख्या को और बढ़ाया जाने वाला है. इसके साथ ही वंदे भारत ट्रेनों का भी लगातार विस्तार किया जा रहा है. रेलवे 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार में इसका इस्तेमाल करने की योजना बना रही है. वहीं, जुलाई में वंदे भारत स्लीपर का भी वर्जन पेश किए जाने की उम्मीद है.
रेलमंत्री ने दी 'मोदी की गारंटी'
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इससे पहले एक इंटरव्यू में कहा कि "अगले पांच वर्षों में, पीएम मोदी की गारंटी है कि रेलवे की क्षमता इतनी बढ़ा दी जाएगी कि यात्रा करने वाले लगभग हर यात्री को आसानी से कन्फर्म टिकट मिल सके."
वैष्णव ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में पीएम मोदी ने रेलवे में अभूतपूर्व परिवर्तन किए हैं. पिछले दशक में भारतीय रेलवे कैसे बदल गया है, इसका एक उदाहरण साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रेलवे ट्रैक बनाने की प्रक्रिया में, 2004 से 2014 के बीच लगभग 17,000 किलोमीटर ट्रैक बनाए गए थे.
तेजी से बन रहे हैं नए ट्रैक
अश्विनी वैष्णव ने कहा, "2014 से 2024 तक 31,000 किलोमीटर नए ट्रैक बनाए गए. 2004 से 2014 तक 10 वर्षों में, केवल लगभग 5,000 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया गया, जबकि पिछले 10 वर्षों में, आश्चर्यजनक रूप से 44,000 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण हुआ."