Ashwini Vaishnaw on Loco Pilot: हाल ही में विपक्ष के नेता और वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर देशभर से आए करीब 50 लोको पायलटों से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने उनका हालचाल और परेशानियों को जाना था. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि लोको पायलट बिना आराम और सम्मान के काम करने को मजबूर हैं. अब, राहुल गांधी के इन आरोपों का जवाब देने खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे को लेकर विपक्ष लगातार दुष्प्रचार कर रहा है. 

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रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखे एक लंबे पोस्ट में कहा कि लोको पायलट हमारे रेलवे परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष हमारे लोको पायलटों का मनोबल गिराने के लिए कई सारी गलत सूचनाएं शेयर कर रहा है. इसलिए हमें कई सारी चीजों को स्पष्ट करने की जरूरत है. 

 

वर्किंग कंडीशन में सुधार

उन्होंने बताया कि लोको पायलटों के ड्यूटी घंटों की सावधानीपूर्वक निगरानी की जाती है. ड्यूटी के बाद इनके आराम का भी पूरा ध्यान रखा जाता है. साथ ही लोको पायलटों की ड्यूटी को भी निर्धारित घंटों के भीतर बनाए रखा जाता है. जून महीने में ये औसत 8 घंटे से भी कम है. केवल अति आवश्यक परिस्थितियों में ही इसे निर्धारित घंटों से अधिक किया जाता है. 

रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेन में लोको पायलट लोको कैब में बैठकर इंजन को चलाते हैं. 2014 से पहले इन कैब्स की हालत बहुत खराब थी. 2014 के बाद से लोको पायलटों को बेहतर हालात देने के लिए एर्गोनोमिक सीटों के साथ कैब को बेहतर बनाया गया. फिलहाल 7,000 से ज्यादा लोको कैब में एसी लगा हुआ है और नए लोको कैब AC कैब के साथ बनाए जा रहे हैं. 

ऑफ-ड्यूटी आराम की व्यवस्था

उन्होंने बताया कि जब लोको पायलट एक यात्रा पूरी कर लेते हैं, तो मुख्यालय से बाहर होने पर वे आराम के लिए रनिंग रूम में आते हैं. 2014 से पहले रनिंग रूम की हालत बहुत ख़राब थी, जबकि लगभग सभी (558) रनिंग रूम अब वातानुकूलित हैं. कई रनिंग रूम में फुट मसाजर भी उपलब्ध कराए जाते हैं. रेलमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लोको पायलटों की कामकाजी परिस्थितियों को समझे बिना इसकी भी आलोचना की थी.

लोको पायलटों की भर्ती 

रेलवे में लोको पायलटों और रनिंग स्टाफ की भर्ती को लेकर रेलमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, रेलवे में बड़ी भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई और 34,000 रनिंग स्टाफ की भर्ती की गई है. वर्तमान में 18,000 रनिंग स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. फर्जी खबरों से रेल परिवार को हतोत्साहित करने का प्रयास विफल होगा. पूरा रेल परिवार हमारे देश की सेवा में एकजुट है.