Indian Railways: भारत में हर दिन करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं. भारत का रेल नेटवर्क दुनिया के सबसे रेल नेटवर्कों में से एक हैं. ऐसे में भारतीय रेलवे (Indian Railways) से जुड़े ऐसे कई मजेदार किस्से भी हैं, जिन्हें लोग नहीं जानते हैं. आइए आपको बताते हैं, भारत के उस अनोखे रेलवे स्टेशन के बारे में, जो दो राज्यों में पड़ता है. महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में नवापुर रेलवे स्टेशन एक अनूठा रेलवे स्टेशन है, जिसका एक हिस्सा गुजरात के तापी जिले में और दूसरा हिस्सा महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में है. भारतीय रेल के पश्चिम रेलवे (Western Railway) जोन के अधिकार क्षेत्र में आने वाला नवापुर रेलवे स्टेशन गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा को एक साथ छूने वाला एकमात्र रेलवे स्टेशन है.

क्यों बंटा दो राज्यों में 

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नवापुर रेलवे स्टेशन (Navapur railway station) को दो राज्यों में बांटे जाने के पीछे एक कहानी है. दरअसल जब यह स्टेशन बना था तब महाराष्ट्र और गुजरात का बंटवारा नहीं हुआ था, लेकिन 1 मई 1961 को जब मुंबई प्रांत का बंटवारा हुआ तो इसे दो राज्यों- महाराष्ट्र और गुजरात में बांट दिया गया. इसी बंटवारे में दोनों राज्यों के बीच नवापुर स्टेशन आया और तभी से इसकी एक अलग पहचान है.

दो राज्यों के बीच में बेंच

नवापुर रेलवे स्टेशन (Navapur railway station) पर एक बेंच भी है, जिसका आधा हिस्सा महाराष्ट्र में और आधा गुजरात में है. इस बेंच पर बैठने वालों को यह ध्यान रखना होता है कि वे किस राज्य में बैठे हैं, इस स्टेशन पर एक सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है, जहां दूर-दूर से लोग फोटो खिंचवाने आते हैं.

चार भाषाओं में होती है अनाउंसमेंट

दो राज्यों के बीच में बंटे इस स्टेशन की टिकट खिड़की महाराष्ट्र में पड़ती है, जबकि स्टेशन मास्टर गुजरात में बैठते हैं. इतना ही नहीं इस स्टेशन पर चार अलग-अलग भाषाओं में अनाउंसमेंट भी होता है. स्टेशन पर जानकारी भी चार भाषाओं हिंदी, गुजराती अंग्रेजी और मराठी में भी लिखी गई है. जिससे महाराष्ट्र और गुजरात दोनों से आने वाले यात्रियों को समझना आसान है,

नवापुर रेलवे स्टेशन की कुल लंबाई 800 मीटर है, इसमें से 300 मीटर महाराष्ट्र में और 500 मीटर गुजरात में पड़ता है. इस स्टेशन में तीन प्लेटफार्म और चार रेलवे ट्रैक हैं.

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