Indian Railways: सर्दियों के दौरान घने कोहरे और धुंध के कारण ट्रेनों के समय में देरी होती है. घने कोहरे की वजह से कम विजिबिलिटी के कारण भी ट्रेनें अक्सर लेट हो जाती है. हालांकि इसके बावजूद भी पैसेंजर्स को समय पर अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचाने के अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए रेलवे ने मैक्सिम स्पीड को बढ़ाने का फैसला किया है. रेलवे ने अधिकतम स्पीड को 60 किमी प्रति घंटा से बढ़ाकर 75 किमी घंटा करने का फैसला किया है. रेलवे ने बताया कि इस स्पीड पर ट्रेनों को चलाने में फॉग डिवाइस का इस्तेमाल लिया जाएगा, जो कोहरे से प्रभावित क्षेत्रों में सभी लोको पायलटों को दिया जाएगा. 

ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाया

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भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने कहा, "यह निर्णय लिया गया है कि लोकोमोटिव में फॉग उपकरणों के उपयोग से कोहरे/खराब मौसम की स्थिति के दौरान अधिकतम अनुमेय गति (maximum permissible speed) को 60 किमी प्रति घंटे (किमी प्रति घंटे) से बढ़ाकर 75 किमी प्रति घंटा किया जा सकता है."

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रेलवे ने सभी रेलवे जोन से डेटोनेटर की पर्याप्त सप्लाई रखने के लिए कहा है, जो चालक का ध्यान आकर्षित करने के लिए तेज आवाज के साथ फटते हैं. इसके साथ ही साइटिंग बोर्ड पर ट्रैक की लाइम मार्किंग की जानी चाहिए.

घने कोहरे के कारण रेलवे के सामने आने वाली कठिनाइयां

  • ट्रेनों के देरी से चलने के कारण रैकों का अनियमित आगमन और प्रस्थान.
  • रूट पर आने वाली समस्याओं और ट्रेनों की धीमी गति के कारण Working Hours में बढ़ोतरी के कारण लोको पायलटों की कमी.
  • ट्रेनों के देरी से चलने के कारण ट्रेनों के टाइम टेबल, वॉशिंग लाइन कॉम्पलेक्स में उनके रख-रखाव के समय पर प्रभाव.
  • रेलगाड़ियों के देरी से चलने के कारण खान-पान की सुविधाओं पर असर.
  • प्रमुख रेल टर्मिनलों के प्लेटफॉर्मों पर प्रतीक्षा कर रहे यात्रियों की भारी भीड़.
  • स्पीड पर प्रतिबंध और क्षमता बाधित होने के कारण प्रॉपर्टी के न्यूनतम उपयोग और लोको पायलटों के ओवर टाइम के कारण ट्रांसपोर्टेशन की लागत में बढ़ोतरी.