भारतीय रेलवे (Indian Railways) को बजट में आम बजट में 70000 करोड़ रुपये मिले हैं. वित्त वर्ष 2020-21 में रेलवे का पूंजीगत व्यय लगभग 1.61 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो अब तक सबसे अधिक होगा. पिछले वर्ष 2019-20 की तुलना में ये लगभग 2.99 फीसदी अधिक रहेगा. रेल कर्मचारियों के वेतन पर रेलवे को लगभग 92,993.07 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. ये पिछले साल की तुलना में लगभग 6000 करोड़ रुपये अधिक है. गौरतलब है कि 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद रेलवे पर वेतन और भत्तों का बोझ और अधिक बढ़ा है.

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पिछले साल की तुलना में बढ़ाया गया बजट

वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में सरकार ने रेलवे को लगभग 65,837 करोड़ रुपये दिए थे. जबकि पूंजीगत व्यय लगभग 1.60 करोड़ रुपये रहने का अनुमान था. बजट में रेलवे को 12,000 करोड़ रुपये नई लाइनों के लिए दिए गए हैं. वहीं 2,250 करोड़ रुपये गेज कनवर्जन के लिए रखे गए हैं. 700 करोड़ रुपये लाइनों की डबलिंग के लिए किए गए हैं. 5,786.97 करोड़ रुपये रोलिंग स्टॉक के लिए दिए गए हैं. 1650 करोड़ रुपये सिग्नलिंग और टेलिकॉम के लिए दिए गए हैं.

6000 किलोमीटर रेलवे लाइन का होगा इलेक्ट्रिफिकेशन

रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए रेलवे इस वित्तीय वर्ष में लगभग 2,725.63 करोड़ रुपये खर्च करेगा. वित्तीय वर्ष 2019-20 में रेलवे ने बजट में यात्री सुविधाओं के लिए 3,422.57 करोड़ का बजट दिया था. वित्तीय वर्ष 2020-2021 में रेलवे ने लगभग 3750 किलोमीटर नई लाइन, डब्लिंग और गेज कनवर्जन का लक्ष्य रखा है. पिछले वित्तीय वर्ष में 3,150 किलोमीटर का लक्ष्य रखा गया था. वर्ष 2020-21 में रेलवे ने 6000 किलोमीटर रेलवे लाइन के इलेक्ट्रिफिकेशन का लक्ष्य रखा है.