रेल किराया संबंधी ‘फ्लैक्सी फेयर’ योजना पर कुछ वर्गों की आलोचनाओं के बीच रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि रेल में अधिकांश श्रेणियों में यात्री किराया काफी कम है और कुछ वर्षों से कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं की गई है, ऐसे में फ्लैक्सी किराया योजना भारतीय रेल को यात्री खंड पर होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करती है. लोकसभा में जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के प्रश्न के लिखित उत्तर में पीयूष गोयल ने ये जानकारी दी. 

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उन्होंने कहा, ‘‘अधिकांश श्रेणियों में यात्री किराया बहुत कम है. भारतीय रेल को यात्री खंड में लगातार हानि हुई है. बहरहाल, विगत कुछ वर्षो में यात्री किराए में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं की गई है.’’ उन्होंने कहा कि फ्लैक्सी किराया योजना भारतीय रेल खंड पर होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करती है और यह एयरलाइन सेक्टर में परिचालन की इस तरह की योजनाओं के अनुरूप है.

रेल मंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त सुझावों एवं राय के आधार पर फ्लैक्सी किराया योजना की समीक्षा करने के लिये एक समिति का गठन किया गया था. समिति की सिफारिशों के आधार पर इस मामले की जांच की गई. 15 मार्च 2019 से प्रायोगिक आधार पर फ्लैक्सी किराया योजना को युक्तिसंगत बनाया गया है. उन्होंने बताया कि फ्लैक्सी किराया योजना को (राजधानी, शताब्दी और दुरंतो गाड़ियों) 15 गाड़ियों से पूरी तरह से और 32 गाड़ियों से 3 महीने (फरवरी, मार्च और अगस्त) की पूर्व निर्धारित कम व्यस्त अवधि के दौरान समाप्त किया गया है.

गोयल ने कहा कि इनमें से पूर्व निर्धारित कम व्यस्त अवधि के दौरान 5 राजधानी गाड़ियों से फ्लैक्सी किराया योजना को वापस ले लिया गया है. रेल मंत्री ने कहा कि सभी फ्लैक्सी किराया वाली श्रेणियों में लागू फ्लैक्सी किराया योजना की अधिकतम सीमा को पूर्व के 1.5 गुना से घटाकर 1.4 गुणा कर दिया गया है.