Indian Railways: भारतीय रेलवे ने स्क्रैप बिक्री में इस बार अनोखा रिकॉर्ड बनाया है. इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले छह महीनों की स्क्रैप बिक्री दर्ज की गई है.  इस सेल के जरिए भारतीय रेलवे ने सितंबर 2022 तक 2582 करोड़ रुपये की कमाई की है. यह पिछले पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 28.91 प्रतिशत ज्यादा है. स्क्रैप बिक्री क्या होता है? स्क्रैप बिक्री का मतलब कबाड़ बेचना होता है. रेलवे स्टेशन के आस-पास जो कबाड़ का ढेर लगा रहता है, उसे स्क्रैप कहते हैं. रेलवे इसे ही समय-समय पर बेचकर अच्छी कमाई करता है. इसके बाद कमाई के आंकड़े रेलवे जारी करता है. कितना है टारगेट इस साल रेलवे के कबाड़ से कमाई के टारगेट की बात करें तो 4400 करोड़ रुपये रखा गया है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान रेलवे ने 4100 करोड़ रुपये का टारगेट रखा था. कहां होता है इन पैसों का इस्तेमाल भारतीय रेलवे ई-नीलामी के माध्यम से जो कबाड़ बेचता है उसका उपयोग रेलवे के विकास के लिए उपयोग किया जाता है. मंत्रालय ने कहा कि प्‍लेटफॉर्म, पटरी निर्माण और निर्माणाधीन योजनाओं के तहत कबाड़ को ई-ऑक्‍शन के द्वारा सेल किया जाता है. बिक्री से आय का लक्ष्य 4400 करोड़ रुपए

  • वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कबाड़ की बिक्री से आय का लक्ष्य 4400 करोड़ रुपए.
  • 2021-22 में 3,60,732 मीट्रिक टन की तुलना में 2022-23 में 3,93,421 मीट्रिक टन लौह स्क्रैप.
  • साथ ही 2022-23 में 1751 वैगनों, 1421 कोचों और 97 इंजनों का निपटान किया गया है.
  • जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में सितंबर 2021 तक 1835 वैगनों, 954 कोचों और 77 इंजनों का निपटान किया गया था.
  • भारतीय रेलवे ई-नीलामी के माध्यम से स्क्रैप सामग्री और बिक्री करता है.