भारतीय रेलवे (Indian Railways) के यात्रियों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है. दरअसल रेलवे (Railway) के साथ जुड़े ठेकेदारों के संगठन इंडियन रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (IREPA) ने 6 मार्च को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी है. ठेकेदारों के संगठन का दावा है कि रेलवे के पास उनके 25,000 करोड़ रुपये के बिल अटके हुए हैं. इस संगठन में करीब 5000 कॉट्रैक्‍टर हैं,. 

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बता दें कि इनके अलावा ऐसे कॉन्‍ट्रैक्‍टर भी हैं, जिनके पास ट्रेनों, रेलवे स्‍टेशनों और रेलवे की दूसरी प्रॉपर्टी की सुरक्षा से लेकर सफाई का जिम्‍मा है. वे भी पेमेंट न होने से परेशान हैं. अगर वे भी हड़ताल करते हैं तो इससे रेल यात्रियों को बड़ी दिक्‍कत का सामना करना पड़ सकता है.

IREPA के उपाध्यक्ष महेश कुमार ने कहा कि इस बार ठेकेदार देशभर में सांकेतिक हड़ताल करेंगे. इस बारे में आगे फैसला किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब तक उनका पेमेंट नहीं होगा, रेलवे में कंस्‍ट्रक्‍शन का कोई काम नहीं किया जाएगा. 

कुमार ने कहा कि हम काफी समय से रेलवे से लंबित बिलों के मुद्दे को सुलझाने को कह रहे हैं, लेकिन अभी तक हमें कोई राहत नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि आईआरआईपीए ने 29 फरवरी को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को इस मुद्दे पर पत्र लिखा था, लेकिन ठेकेदारों से कहा गया कि बजट प्रावधान का पूरा इस्तेमाल हो चुका है और अभी और कोष नहीं है.

रेलवे पूरे देश में रोज लगभग 12600 रेलगाड़ियों को ऑपरेट करता है. इनमें रोज लगभग 2.3 करोड़ लोग यात्रा करते हैं. भारतीय रेलवे की ओर से देश के अलग-अलग हिस्सों में समय-समय पर पटरियों की मरम्मत के लिए कई बार ट्रैफिक ब्लॉक लिए जाते हैं. इसके चलते रेलगाड़ियों को बेहतर तरीके से चलाने के लिए रेलगाड़ियों को रद्द करना पड़ता है.