Indian Railways: मध्य रेल ने जुर्माना वसूलने में बनाया नया रिकॉर्ड, इस साल 8 महीनों में हुआ 218 करोड़ रुपये का कलेक्शन
Indian Railways: भारतीय रेल के लिए ये साल कमाई के लिहाज से काफी शानदार गुजर रहा है. यात्री टिकट, मालभाड़ा और जुर्माने के रूप में भारतीय रेल की कमाई में इस साल जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
Indian Railways: भारतीय रेल के लिए ये साल कमाई के लिहाज से काफी शानदार गुजर रहा है. यात्री टिकट, मालभाड़ा और जुर्माने के रूप में भारतीय रेल की कमाई में इस साल जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसी सिलसिले में भारतीय रेल के मध्य रेलवे ने मौजूदा वित्त वर्ष (1 अप्रैल, 2022 से लेकर 30 नवंबर, 2022 तक) बिना टिकट और अनियमित यात्रा के कुल 32.77 लाख मामलों का पता लगाया, जिससे भारतीय रेल के इस जोन ने जुर्माने के रूप में 218 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है.
पिछले साल की तुलना में इस बार 74.83 प्रतिशत ज्यादा हुआ कलेक्शन
मध्य रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस साल जुर्माने के रूप में प्राप्त किया गया राजस्व पिछले साल इसी अवधि की तुलना में प्राप्त किए गए राजस्व की तुलना में 74.83 प्रतिशत ज्यादा है. मध्य रेलवे ने पिछले साल 1 अप्रैल, 2021 से 30 नवंबर, 2021 तक बिना टिकट और अनियमित यात्रा के मामलों में जुर्माने के रूप में 124.69 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया था.
मध्य रेल ने पिछले साल 12 महीनों में किया था 214.14 करोड़ का कलेक्शन
मध्य रेलवे ने बताया कि टिकट चेकिंग के माध्यम से जुर्माने के रूप में प्राप्त किया गया 218 करोड़ रुपये का राजस्व, भारतीय रेल के सभी जोन द्वारा अभी तक प्राप्त किए टिकट चेकिंग राजस्व की तुलना में सबसे ज्यादा है. आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि मध्य रेल ने मौजूदा वित्त वर्ष के 8 महीनों में 218 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के 12 महीनों में इस रेल जोन को टिकट चेकिंग से कुल 214.14 करोड़ रुपये का राजस्व ही प्राप्त हुआ था.
मध्य रेल के 4 अधिकारियों ने इकट्ठा किया 1 करोड़ से ज्यादा राजस्व
मध्य रेल की टिकट चेकिंग टीम ने बिना टिकट सफर करने वाले यात्रियों पर काबू पाने के लिए बहुत प्रयास किए हैं. टिकट चेकिंग स्टाफ में से 4 अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2022-2023 के दौरान 1 करोड़ से भी ज्यादा का राजस्व इकट्ठा कर शानदार काम किया है.
भुसावल मंडल के हेड टिकट निरीक्षक के.के. पटेल ने 12024 मामलों से 1.05 करोड़ रुपये, भुसावल मंडल के सीटीआई विनय ओझा ने 12990 मामलों से 1.02 करोड़ रुपये, मुंबई के सीटीआई आर. एम. गोरे ने 11024 मामलों से 1.00 करोड़ रुपये, पुणे मंडल के प्रधान टिकट परीक्षक एस.एस. क्षीरसागर ने 10771 मामलों से 1.02 करोड़ का राजस्व इकट्ठा किया है.