कोलकाता मैट्रो देश की पहली मेट्रो ट्रेन है. कोलकाता मेट्रो जल्द ही हुगली नदी के नीचे से हो कर गुजरेगी. इससे जहां समय की बचत होगी वहीं कोलकाता मैट्रो देश की पहली मेट्रो बन जाएगी जो किसी नदी के नीचे से गुजरेगी.

 
हुगली नदी के नीचे चलेगी मेट्रो
मेट्रो को नदी के नीचे चलाने का कारनामा भारतीय रेल के इंजीनियरों ने करके दिखाया है. कोलकता मेट्रो के ईस्ट - वेस्ट रूट पर हुगली नदी के नीचे आरपार 520 मीटर लंबी सुरंग बनाई गई है जो की अपनी तरह की देश की पहली सुरंग होगी. इसके अलावा ज़मीन से 105 फीट नीचे मेट्रो स्टेशन भी बन रहा है.
 
इस रूट पर कुल 12 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे
कोलकाता मैटो हावड़ा - सॉल्ट लेक रूट का हिस्सा है. ये इस्ट वेस्ट कॉरीडोर का हिस्सा है. हावड़ा से सॉल्ट लेक की दूरी 16.6 किलोमीटर है. इस प्रोजेक्ट में इन दोनों जगहों के बीच कुल 12 मेट्रो स्टेशन हैं. इनमें छह स्टेशन अंडरग्राउंड और छह जमीन के ऊपर होंगे. यह प्रोजेक्ट जून 2021 में पूरा हो जाएगा.
 
नदी से 13 मीटर नीचे बनी है सुरंग
हावड़ा से सॉल्ट लेक सड़क से जाने में 1.30 घंटे का समय लगता है. इस समय को कम करने के लिए हुगली नदी के नीचे से टनल बनाए जाने की जरूरत थी. यह सुरंग हुगली नदी से 13 मीटर नीचे बनाई गई है. नदी का पानी सुरंग में न आ सके इसके लिए सुरंग में वॉटर चैम्बर बनाए गए हैं.
 
समय की होगी बचत

हावड़ा रेलवे स्टेशन इस रूट का सबसे महत्वपूर्ण मेट्रो स्टेशन होगा. यहीं से यह सुरंग शुरू हुई है. हावड़ा मेट्रो स्टेशन जमीन से लगभग 105 फीट  नीचे बनाया गया है. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद हावड़ा से सॉल्ट लेक जाने में कुल 25 मिनट लगेंगे.