अरे वाह! ठेकेदार ट्रेन में लगाएगा झाड़ू और देगा पैसे भी, जानिए क्या है रेलवे की कमाई का ये जबरदस्त प्लान
Indian Railway Income: रेलवे ने एक ऐसा जुगाड़ निकाला है, जिसमें एक कंपनी आकर ट्रेन की सफाई भी करेगी और इसके लिए रेलवे को खुद पैसे भी देगी है.
Indian Railway Income: सोचिए क्या हो अगर आपके घर में साफ-सफाई करने वाला आपको इस सफाई के बदले कुछ पैसे भी देकर जाए तो? आप बोलेंगे कि भला ऐसा कहां होता है, सफाई करने के लिए मुआवजा आपको ही देना होता है. लेकिन नहीं, रेलवे ने एक ऐसा जुगाड़ निकाला है, जिसमें एक कंपनी आकर ट्रेन की सफाई भी करेगी और इसके लिए रेलवे को खुद पैसे भी देगी है. ये कारनामा किया है नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के झांसी मंडल ने. आइए जानते हैं इस बारे में पूरी बात.
ट्रेनों की सफाई से होगी रेलवे की कमाई
झांसी मंडल ने ई-ऑक्शन के माध्यम से एक कॉन्ट्रैक्ट निकाला है, जो उनके लिए आम के आम और गुठलियों के दाम जैसी बात है. इस ठेके के माध्यम से मंडल के 6 स्टेशनों (बिजौली, चिरगाँव, गढ़मऊ, सिंघपुर डूमरा, मटोन्ध तथा गोहद रोड) पर आने वाले कोयला रैक (BOXN /BOXNHL) वैगन में अनलोडिंग के बाद बचा हुआ कोयला, क्लिंकर, सीमेंट तथा जिप्सम अन्य पदार्थ की सफाई की जाएगी और सफाई करने वाली कंपनी इस काम के लिए रेलवे को हर साल 33 लाख 51 हज़ार से अधिक राजस्व प्रदान करेगी.
तीन साल में आएगा 1 करोड़ से अधिक का रेवेन्यू
झांसी मंडल वाणिज्य विभाग यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी के साथ-साथ राजस्व अर्जन में निरंतर अग्रणी व प्रयासरत है. मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा और वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अमन वर्मा के नेतृत्व में मंडल द्वारा अपने परंपरागत आय स्रोतों के साथ-साथ नई पहल के क्रम में अपरम्परागत आय स्रोतों के माध्यम से आय अर्जन हेतु एक नई पहल की है.
रेने ने कुल तीन साल की अवधि के लिए ये ठेका जारी किया है, जिसमें उन्हें करीब 1 करोड़ 55 हजार रुपये कमाई होने की संभावना है.
रेलवे के समय की होगी बचत
इस योजना से रेलवे का इन वैगनों में सफाई हेतु आने वाला व्यय की बचत होगी, रेलवे से माल लदान व सप्लाई में समय बचेगा और नया लोड होने वाला सामान साफ़ सुथरा होगा. एक पदार्थ या एक खनिज के अलावा, यह वेगों दुसरे पदार्थों के प्रयोग में भी आ सकेंगे. रेलवे ट्रेक की सफाई रखने में भी यह नया ठेका कारगर साबित होगा,क्योंकि वैगन की सफाई के बाद सीमेंट, कोयला आदि के अवशेष पदार्थ ट्रेक पर नहीं झडेंगे. बिना किसी लागत के मंडल को प्रतिवर्ष 33 लाख 51 हजार रूपए का राजस्व प्राप्त होगा.