ट्रेनों में धुआं फेंकते हुए पुराने इंजन जल्द ही दिखना बंद हो जाएंगे. रेलवे ने डीजल की खपत और पॉल्यूशन पर कंट्रोल करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. रेल मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि 31 साल पुराने डीजल इंजन को तत्काल प्रभाव से हटाया जाना शुरू कर दिया जाए. इसको लेकर सभी जोनल रेलवे के जीएम को चिट्ठी भी भेज दी गई है.

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21 जुलाई को हुई बैठक

रेलवे में सभी रूटों को इलेक्ट्रिफाइड करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि डीजल की खपत को कम किया जा सके. इसको लेकर 27 जुलाई को रेलवे बोर्ड में सभी जोनल रेलवे के अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई. इसमें चर्चा हुई कि पुराने इंजन ज्यादा डीजल की खपत करते हैं और इनसे पलूशन का स्तर भी बढ़ रहा है. ऐसे में इन इंजनों पर रोक लगनी चाहिए.

जल्द रिटायर होंगे ये इंजन

सभी जोनल रेलवे के साथ मिलकर तय किया गया कि रेलवे में 31 साल पुराने चल रहे सभी डीजल इंजन को हटाया जाएगा. साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर कोई इंजन शेड में खड़ा है उसे भी इस्तेमाल में न लिया जाए. इस आदेश के बाद सभी जोनल रेलवे में आंकलन भी शुरू हो गया है. जल्द ही एक - एक कर इंजनों को रिटायर करना शुरू किया जाएगा.

देश भर में हो रहा है विद्युतिकरण

वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारतीय रेलवे अपने 6,000 किलोमीटर से अधिक रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण करने के प्लान पर काम कर रहा है. रेलवे 2021 तक अपने पूरे रेल नेटवर्क को इलेक्ट्रिफाइड करने का लक्ष्य रखा है. हाल ही में अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की रिपोर्ट ‘भविष्य की रेल’ जारी करते हुए रेल मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि पिछले पांच सालों में रेलवे में किए गए भारी निवेश से सुरक्षा को मजबूत करने और लंबित पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिली है.