इस राज्य के सरकारी कर्मचारियों के LTC पर बड़ी खबर, वंदे भारत ट्रेन से सफर को मिल गई मंजूरी
Gujarat Government Employees LTC: गुजरात सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को LTC के तहत वंदे भारत ट्रेन से यात्रा को मंजूरी दे दी है.
Gujarat Government Employees LTC: गुजरात सरकार के लाखों सैंकड़ों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. राज्य के भूपेंद्र पटेल सरकार ने कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत (LTC) पर वंदे भारत ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति दी है. यह फैसला राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा वंदे भारत ट्रेन से LTC यात्रा छूट में शामिल करने के अनुरोध के बाद आया है.
सरकारी कर्मचारी वंदे भारत से कर सकेंगे ट्रैवल
सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "राज्य सरकार के कर्मचारी 6,000 किलोमीटर की सीमा के भीतर हर चार साल में LTC लाभ के लिए पात्र हैं. कर्मचारी आमतौर पर ऐसी रियायतों के तहत ट्रेन से यात्रा करते हैं. हाल के वर्षों में, भारतीय रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) शुरू की है, जो आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है. राज्य सरकार के कर्मचारियों ने वंदे भारत ट्रेन यात्रा को उन्हें मिलने वाली अवकाश यात्रा रियायत में शामिल करने का अनुरोध किया था."
पांच लाख कर्मचारियों को होगा फायदा
सरकार ने कहा, "कर्मचारियों के व्यापक हितों के जवाब में, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने उदार दृष्टिकोण के साथ, एलटीसी ब्लॉक 2020-23 की शुरुआत से एलटीसी के लिए वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) यात्रा को शामिल करने का निर्णय लिया है."
गुजरात सरकार के इस निर्णय से राज्य सरकार के पांच लाख कर्मचारियों को उनकी अवकाश यात्रा रियायत के दौरान लाभ होगा. मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में वित्त विभाग इस संबंध में संकल्प जारी करेगा.
किसानों को मिलेगा नर्मदा का पानी
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने उत्तर गुजरात के किसानों और नागरिकों तक नर्मदा का पानी पहुंचाने का अहम फैसला किया था. नर्मदा बांध के ऊपरी प्रवाह में व्यापक वर्षा के परिणामस्वरूप, सरदार सरोवर बांध में जल स्तर बढ़ गया है, जिससे यह पानी उत्तरी गुजरात की झीलों में प्रवाहित किया जाएगा.
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के निर्देशन में उत्तरी गुजरात के बनासकांठा, पाटन, मेहसाणा और साबरकांठा जिलों की कुल 952 झीलों में 13 विभिन्न पाइपलाइनों के माध्यम से नर्मदा जल की आपूर्ति करने की योजना बनाई है. फिलहाल इन पाइपलाइनों के जरिए इन झीलों में 1 हजार क्यूसेक पानी डालना शुरू किया गया है, आने वाले दिनों में इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 2400 क्यूसेक पानी उत्तरी गुजरात की इन झीलों में पहुंचाया जाएगा.