उत्तर प्रदेश में झांसी के निकट भोपाल-दिल्ली रेल मार्ग पर एक मालगाड़ी में एक संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिलने से हड़कंप मच गया. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि उपकरण की जब गहनता से जांच की गयी तो इसके जीपीएस होने की पुष्टि हुई. अधिकारियों ने बताया कि घटना पूर्वाह्न करीब साढ़े नौ बजे उस समय हुई, जब छत्तीसगढ़ से राजस्थान कोयला ले जा रही मालगाड़ी बिजौली स्टेशन पर रुकी हुई थी. 

गार्ड के डिब्बे के पास मिली चमकती रोशनी वाली डिवाइस

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पुलिस के अनुसार, ट्रेन के गार्ड सीएल मीणा ने गार्ड के डिब्बे के पास चमकती रोशनी वाली एक डिवाइस देखी और तुरंत रेलवे नियंत्रण कक्ष को सूचित किया. झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह समेत वरिष्ठ अधिकारी आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल), जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) और बम निरोधक दस्ते के साथ मौके पर पहुंची. सिंह ने बताया, “आरपीएफ को सूचना मिली थी कि प्रेमनगर थाना क्षेत्र के बिजौली स्टेशन पर रुकी हुई मालगाड़ी के अंदर एक उपकरण मिला है.” 

कंपनी ने लगाया मालगाड़ी में ट्रैकर

पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह ने बताया कि जब गहनता से जांच की गई, तो एक जीपीएस ट्रैकर मिला. सिंह के मुताबिक, मामले की जांच की गयी तो सामने आया कि जिस कंपनी ने अपने कोयले की खेप को मालगाड़ी से भेजा था उसी ने ट्रैकर लगाया था. उन्होंने बताया कि मामले में कोई और संदिग्ध बात सामने नहीं आई है हालांकि जीआरपी ने ट्रैकर को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी गयी है. आपको बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में बृहस्पतिवार की सुबह रेल की पटरी पर अज्ञात लोगों ने छोटे पत्थर रख दिये.

पटरी पर पत्थर टूटने की आई आवाज

राजकीय रेलवे पुलिस थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि सहारनपुर से मुरादाबाद जा रही मेमू ट्रेन जब गढ़मलपुर क्रासिंग पर पहुंची तो पटरी पर पत्थर टूटने की आवाज आई. हालांकि ट्रेन सकुशल निकल गयी. बाद में चालक ने मुर्शदपुर स्टेशन पहुंच कर घटना की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मौके पर की गयी जांच में पता चला कि पटरी पर किसी ने छोटे-छोटे पत्थर रख दिए थे जिन्हें पीसती हुई ट्रेन आगे निकल गयी. कुमार ने बताया कि रेलवे पुलिस तहकीकात कर रही है कि यह बच्चों की शरारत है या साजिश के तहत पटरी पर पत्थर रखे गये.