सफर पर हुए बीमार, रेलवे स्टेशन पर मिलेंगी सस्ती दवाइयां, इन स्टेशनों पर खुलेंगे जन औषधि केंद्र
Jan Aushadhi Kendra at Railway Stations: सफर में बीमारी के कारण कई बार मजा किरकिरा हो जाता है. ऐसे में सरकार जल्द ही जन औषधि केंद्र के जरिए यात्रियों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराई जाएगी. जानिए क्या है सरकार की योजनाएं.
Jan Aushadhi Kendra at Railway Stations: सफर पर तबीयत खराब होने से न सिर्फ परेशानियों का सामना करना पड़ता है बल्कि सफर का मजा भी किरकिरा हो जाता है. ऐसे में रेल यात्रियों को रियायत दर पर जेनरिक दवाएं देने के लिए सरकार जल्द ही स्टेशनों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने जा रही है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश के 50 स्टेशनों पर ये जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे. रेलवे ने इन केंद्रों की सूची भी जारी कर दी है.
Jan Aushadhi Kendra at Railway Stations: 50 स्टेशनों पर खोले जाएंगे जन औषधि केंद्र
यात्रियों की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में सस्ती दरों में दवाई उपलब्ध की जाएगी. शुरुआत में 50 स्टेशनों पर ये जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे लेकिन, आगे चलकर इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी. साल 2024 तक देशभर में 10 हजार जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना के तहत स्टेशनों के आसपास और भीड़ वाले इलाकों में आउटलेट खोलने का लाइसेंस दिया जाना है. रेलवे स्टेशनों की जिम्मेदारी रेलवे मंडलों की होगी.
Jan Aushadhi Kendra at Railway Stations: स्टॉल की होगी ई-नीलामी
रेलवे मंडल द्वारा स्टॉल की ई-निलामी की जाएगी. सफल बोलीदाताओं को दवा की दुकान चलाने के लिए जरूरी अनुमति और लाइसेंस लेना होगा. जन औषधि केंद्र को चलाने वाले को रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फॉर्मास्यूटिकल और मेडिकल डिवाइस ब्यूरो के साथ समझौता करना होगा. अधिकारियों के मुताबिक जन औषधि केंद्र के आवंटन में व्यक्तिगत उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं, स्टॉल की डिजाइन राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान तैयार करेगा.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) जनता को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है. जन औषधि अभियान की शुरुआत साल 2008 में हुई थी. सितंबर 2015 में, ' जन औषधि योजना ' को ' प्रधानमंत्री जन औषधि योजना ' (PMJAY) के रूप में नया रूप दिया गया. नवंबर, 2016 में, योजना को और अधिक गति देने के लिए, इसे फिर से " प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना " (पीएमबीजेपी) नाम दिया गया.