Economic Survey से हुआ खुलासा, कब पटरी पर दौड़ेगी वंदे मेट्रो, होंगे ये हाई टेक फीचर्स
Economic Survey, Vande Metro Trainset: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया है. इसमें सरकार ने वंदे स्लीपर ट्रेनसेट और वंदे मेट्रो ट्रेनसेट पर भी अपडेट शेयर किया है. जानिए क्या कहा सरकार ने.
Vande Bharat Metro: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 की आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत की है. आर्थिक सर्वे एक वार्षिक दस्तावेज है जिसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति की निष्पक्ष समीक्षा होती है. सर्व में सरकार ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, वंदे भारत मेट्रो पर अपडेट दिया है. सरकार ने बताया है कि वंदे भारत मेट्रो कब तक पटरी पर दौड़ेगी. साथ ही सरकार ने वंदे भारत स्लीपर कोच के फीचर्स का ब्योरा आर्थिक सर्वे में दिया है.
Vande Bharat Metro: वंदे स्लीपर ट्रेनसेट का किया जा रहा है विकास
आर्थिक सर्वे 2024-25 में सरकार ने कहा है, 'तेज रफ्तार और लंबी दूरी वाले वंदे स्लीपर ट्रेनसेट कोच का विकास किया जा रहा है. इन कोच के फीचर्स में अपने आप खुलने वाले दरवाजे, तेज गति पकड़ना, यात्रियों को जानकारी देने के लिए जीपीएस सिस्टम शामिल हैं. इसके अलावा रेलवे की वंदे मेट्रो ट्रेनसेट कोच लाने की भी योजना है. इसमें अपने आप खिसकने वाले दरवाजे होंगे, सुरक्षा के लिए सीसीटीव, जीपीएस सिस्टम, यात्रियों को जानकारी और मनोरंजन देने वाला सिस्टम होगा.
Vande Metro Trainset: वंदे मेट्रो ट्रेनसेट में कोच में होगा आग बुझाने वाला सिस्टम
वंदे मेट्रो ट्रेनसेट कोच में आग लगने का पता लगाने वाला सिस्टम और एरोसोल से आगे बुझाने वाला सिस्टम होगा. सरकार के मुताबिक पहली खेप वित्त वर्ष 2025 में आने की उम्मीद है. भारत सरकार के मुताबिक रेलवे ने साल 2018 में चार वंदे भारत ट्रेन और 32 वंदे भारत कोच, वित्त वर्ष 2022-23 में 16 वंदे भारत ट्रेन और 184 वंदे भारत कोच, वित्त वर्ष 2023-24 में 82 वंदे भारत ट्रेन और 456 वंदे भारत कोच का प्रोडक्शन किया है.
Vande Bharat Metro: पैसेंजर ट्रेन में यात्रियों की संख्या में हुआ है इजाफा
आर्थिक सर्वे के मुताबिक पैसेंजर ट्रेन में यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है. वित्त वर्ष 2024 में वास्तविक रूप से जीडीपी 8.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. सर्वे में कहा गया है, "भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है और भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने में मजबूती दिखा रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोविड के बाद की अपनी रिकवरी को मजबूत किया है, जिससे आर्थिक और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित हुई. रिकवरी को बनाए रखने के लिए घरेलू मोर्चे पर कड़ी मेहनत करनी होगी. '