Kashmir Railway Connectivity: नए साल 2025 के पहले हफ्ते में जम्मू में कटरा से रियासी तक के 17 किलोमीटर लंबे रेल सेक्शन का रेल संरक्षा आयुक्त (CRS) द्वारा निरीक्षण किया जा सकता है. यह सेक्शन कटरा-संगलदान सेक्शन का वह हिस्सा है जिसपर पैसेंजर गाड़ियां चलाने को लेकर अब तक अनुमति नहीं है. आपको बता दें कि इस परियोजना के पूरा होने से भारत का सपना - कश्मीर से कन्याकुमारी तक सीधी रेल कनेक्टिविटी - साकार होगा.

Kashmir Railway Connectivity: T33 का निर्माण भारतीय रेलवे के लिए थी बड़ी चुनौती

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भारत का पहला केबल-स्टे रेल पुल 'अंजी खड' और Tunnel-33 कटरा से रियासी  सेक्शन में हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, T-33 का निर्माण भारतीय रेल के लिए एक बड़ी चुनौती थी, जिसे अब पूरा कर लिया गया है. इंजीनियरिंग का चमत्कार माने जाने वाले चेनाब ब्रिज को पहले ही सीआरएस मंजूरी मिल चुकी है. यह विश्व का सबसे ऊंचा रेल पुल है, जो कटरा-संगलदान सेक्शन का ही हिस्सा है. गौरतलब है कि  CRS रेलवे बोर्ड का हिस्सा नहीं होते हैं, बल्कि वे नागर विमानन मंत्रालय के अधीन काम करते हैं. 

Kashmir Railway Connectivity: चेनाब ब्रिज या पूरे सेक्शन का उद्घाटन कर सकते हैं पीएम मोदी 

प्रधानमंत्री मोदी 2025 के शुरुआती महीनों में चेनाब ब्रिज और पूरे सेक्शन का उद्घाटन कर सकते हैं. सीआरएस से मंजूरी मिलते ही कटरा से संगलदान तक यात्री रेलगाड़ियां चल सकेंगी. हालांकि, मंजूरी से पहले यदि सीआरएस द्वारा कोई आपत्ति या सुझाव दिए जाते हैं तो रेलवे को वो पूरे करने होंगे. CRS निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रेलवे में सभी कार्य, जैसे नई लाइनें बिछाना, गेज परिवर्तन, दोहरीकरण, विद्युतीकरण, और नई तकनीक, निर्धारित मानकों और नियमों के अनुसार किए जा रहे हैं.

उत्तरी रेलवे महाप्रबंधक अशोक वर्मा ने कहा, 'यह परियोजना बहुत जल्द पूरी हो जाएगी. हमें उम्मीद है कि जनवरी में कनेक्टिविटी शुरू हो जाएगी. उसके बाद वंदे भारत समेत सभी ट्रेन चलेंगी और सभी ट्रेन के लिए समय सारिणी तैयार की जाएगी. हमें उम्मीद है कि जनवरी में यह परियोजना शुरू हो जाएगी.’