दिल्ली में बिजली के तारों और खंभो की निगरानी अब ड्रोन से होगी. टाटा पावर कंपनी अब बिजली के फाल्ट और चोरी का पता लगाने के लिए ड्रोन उड़ा रही हैं.

2 किलो वजन का ड्रोन टाटा डीडीएल पावर का सबसे तेजतर्रार कर्मचारी है.
 
गड़बड़ियों का पता लगा रहा है ड्रोन
धीरपुर में 32 kva की लाइन से दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके में बिजली कि सप्लाई होती है. इस खंबे में खराबी का मतलब घंटो बिजली का गुल रहना है. लिहाजा इंसुलेटर और जम्पर की खराबी का पता करने के लिए प्राइवेट बिजली कंपनी के कर्मचारी बीते 1 महीने से ड्रोन से हवाई मुआयना कर रहे है. टाटा पावर के लाइन मैनेजर रोशनलाल डोगरा के मुताबिक" कोई पेड की डाली ट्रांसमिशन लाईन को डिस्टर्ब कर रही है या जम्पर, इनसुलेटर खराब हो जाता है तो ऐसे हालात में तमाम गड़बड़ियां ड्रोन अपने कैमरे में कैद कर लेता है और सूचना हमे देता है जिससे उस फाल्ट को ठीक कर लिया जाता है.
 
बिजली के खंभों पर भी रखी जा रही है नजर
बिजली के खंभे के साथ ही ड्रोन के जरिये 66KV के सब स्टेशन की निगरानी की जा रही है. पेट्रोलिंग के दौरान ड्रोन एरियल शॉट्स भी कैमरे में रिकॉर्ड कर रहा होता है. ड्रोन कैमरे द्वारा की गई रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल भविष्य में आनेवाली खराबी को जाँचने के लिए किया जा सकता है. ड्रोन की मदद से अब तक 60 से ज्यादा पावर ब्रेकडाउन रोकने में मदद मिली है और बत्ती गुल किए बिना ही प्रॉब्लम ठीक कर ली गई.
 
बिजली चोरी का भी पता लगाया जा रहा है
ड्रोन न सिर्फ बिजली के तारों की गड़बड़ी का पता लगा रहे है बल्कि इन्हें घनी आबादी वाले इलाके में बिजली की चोरी पकड़ने के लिए भी उड़ाया जा रहा है. दिल्ली की क्लस्टर कॉलनियों और मोहल्लों के घरो के ऊपर चक्कर लगाकर ड्रोन यह भी पता कर रहा है कि किन लोगों ने अपने घर में कटिया कनेक्शन लगा रखा है.