मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 12,343 करोड़ रुपए से बदलेगी रेलवे की तस्वीर, इन राज्यों को होगा सीधा फायदा
यात्रियों की सुविधा के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक की भारतीय रेलवे की छह मल्टी ट्रैकिंग परियोजना को मंजूरी दे दी है. ये प्रोजेक्ट 2029-30 तक पूरी हो जाएगी.
यात्रियों की यात्रा को आसान बनाने के लिए कैबिनेट ने भारतीय रेलवे की छह मल्टी ट्रैकिंग परियोजना को मंजूरी दे दी है. इसका मकसद तेल आयात को कम करने और CO2 उत्सर्जन को कम करने और रसद लागत को कम करना है. कैबिनेट के इस फैसले से भीड़भाड़ में कमी आएगी. इसके अलावा रेल यातायात में बढ़ोत्तरी होगी. सरकार के मुताबिक इस परियोजना की लागत लगभग 12,343 करोड़ रुपए होगी. ये प्रोजेक्ट 2029-30 तक पूरा हो जाएगा.
भीड़ भाड़ होगी कम, 6 राज्यों के 18 जिलों को कवर करेगा प्रोजेक्ट
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. इसमें 100 फीसदी फंडिंग केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी. मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्तावों से परिचालन में आसानी होगी और भीड़भाड़ कम होगी, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर आवश्यक ढांचागत विकास उपलब्ध होगा. 6 राज्यों यानी राजस्थान, असम, तेलंगाना, गुजरात, आंध्र प्रदेश और नागालैंड के 18 जिलों को कवर करने वाली 6 (छह) परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को 1020 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी.
पीएम गति शक्ति से जुड़ेगा प्रोजेक्ट, मिलेगी निर्बाध कनेक्टिविटी
सरकार द्वारा दी गई जानकारी का मुताबिक ये प्रोजेक्ट मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का नतीजा है. ये लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए बिना रुके एक निर्बाध कनेक्टिविटी देगी.
क्र.सं. | दोहरीकरण वाले खंड का नाम | लंबाई (किलोमीटर में) | अनुमानित लागत (रुपये में) | राज्य |
1 | अजमेर-चंदेरिया | 178.28 | 1813.28 | राजस्थान |
2 | जयपुर-सवाई माधोपुर | 131.27 | 1268.57 | राजस्थान |
3. | लूणी-समदड़ी-भीलड़ी | 271.97 | 3530.92 | गुजरात एवं राजस्थान |
4 | नए रेल सह सड़क पुल के साथ अगथोरी-कामाख्या | 7.062 | 1650.37 | असम |
5 | लुमडिंग- फुर्केटिंग | 140 | 2333.84 | असम एवं नागालैंड |
6 | मोटुमारी-विष्णुपुरम और मोटुमारी में रेल के ऊपर रेल | 88.81
10.87 | 1746.20 | तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश |
87 MPTA कार्गो प्राप्त करेगा रेलवे, तेल आयात, कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मिलेगी मदद
सरकार के मुताबिक ये खाद्यान्न, खाद्य पदार्थ, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, लोहा, स्टील, फ्लाई-ऐश, क्लिंकर, चूना पत्थर, पीओएल, कंटेनर आदि के ट्रांसपोर्टेशन के लिए जरूरी मार्ग हैं. इस प्रोजेक्ट के जरिए क्षमता विस्तार के काम से अतिरिक्त 87 MPTA (मिलियन टन प्रति वर्ष) कार्गो प्राप्त होगा. पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन होने के नाते, रेलवे जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत, तेल आयात और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा.