Bullet Train: गुजरात के वलसाड में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर यानी बुलेट ट्रेन के रूट पर पहली पर्वतीय सुरंग बनाने में रेलवे को कामयाबी मिल गयी. इस गलियारे पर ट्रेन 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती नजर आएंगी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक तीन सौ पचास मीटर लंबी इस सुरंग का व्यास 12.6 मीटर और ऊंचाई 10.25 मीटर है. घोड़े के नाल के आकार वाली इस सुरंग में दो उच्च रफ्तार ट्रेन ट्रैक होंगे. नेशनल हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबे मार्ग पर और छह सुरंगों के निर्माण की योजना बनाई है. 

पहली माउंटेन सुरंग

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वलसाड खंड के मुख्य परियोजना प्रबंधक एस. पी. मित्तल ने बताया कि हमें सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि ये भारत की पहली सुरंग है, जिसमें एक ट्रेन 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरेगी. उन्होंने कहा कि उनके दल ने सुरंग की पूरी निर्माण अविध में एक भी अप्रिय घटना का सामना नहीं किया. 

 

350 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन

मित्तल ने कहा, ''हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि कैसे सुरंग के संरेखण को बिल्कुल सीधा रखा जाए, क्योंकि बुलेट ट्रेन 350 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी और मामूली सा भी घुमाव एक बड़े खतरे को पैदा कर सकता था. इसलिए हमने बहुत बारीकी से हर काम किया और आपको सुरंग में एक मिलीमीटर का भी घुमाव देखने को नहीं मिलेगा.'' 

 

मित्तल के मुताबिक, सुरंग बनाने का काम पूरा करने में एक साल से ज्यादा और बड़ी संख्या में कार्यबल लगा है. एनएचएसआरसीएल ने एक बयान में कहा कि 'नयी आस्ट्रियाई सुरंग विधि' (NATM) के जरिये इस सुरंग का निर्माण किया गया है, जो गुजरात में वलसाड के उम्बेरगांव तालुका में जरोली गांव से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है. 

मुंबई-अहमदाबाद उच्च रफ्तार रेल गलियारे में पहाड़ों से गुजरने वाली सात सुरंगें होंगी और उन सभी का निर्माण एनएटीएम के माध्यम से किया जाएगा. उच्च रफ्तार वाले इस ट्रेन गलियारे में मुंबई में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और ठाणे जिले के शिल्पहटा के बीच भी 21 किलोमीटर लंबी सुरंग होगी, जिसका सात किलोमीटर हिस्सा ठाणे क्रीक (खाड़ी) में होगा, यानी कि यह समुद्र के नीचे से गुजरने वाली देश की पहली सुरंग होगी. 

पहली स्टील ब्रिज का काम पूरा

मुंबई और अहमदाबाद के बीच भारत के पहले 508 किलोमीटर लंबे रेल गलियारे का निर्माण कर रहे नेशनल हाईस्पीड रेल कोरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) ने गुजरात के सूरत में राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर पहले स्टील पुल के निर्माण के पूरा होने की घोषणा की. पूरे बुलेट ट्रेन मार्ग पर इस तरह के कुल 28 पुल बनने हैं जिसमें से पहले पुल का निर्माण कार्य पांच अक्टूबर को पूरा हो गया. 

 

गलियारे के सूरत खंड के मुख्य परियोजना प्रबंधक एस.पी. मित्तल ने बताया, "हम सड़कों और राजमार्गों पर स्टील के पुल बना रहे हैं क्योंकि फुटपाथ सहित राजमार्ग लेन की कुल चौड़ाई की वजह से सीमेंट के पुल बनाना संभव नहीं है. सीमेंट से तैयार संरचना को हम गर्डर कहते हैं और इसे खंभों के सिरों पर रखते हैं, जिसकी अधिकतम लंबाई 45 मीटर होती है. जबकि स्टील के पुल दो खंभों के बीच 130 मीटर तक लंबे हो सकते हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर बना स्टील का यह पहला पुल 70 मीटर लंबा है और इसका वजन 673 मीट्रिक टन है."

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