ड्राइवर की गलती से नहीं होगा यात्रियों को खतरा, देश की पहली बुलेट ट्रेन में होंगे ये बड़े सेफ्टी फीचर्स
Bullet Train Engine: मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड वाली रेल लाइन का निर्माण चल रहा है. अब बुलेट ट्रेन पर पहला बड़ा अपडेट सामने आया है.
Bullet Train Engine: मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड वाली रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है. मुंबई-अहमदाबाद रेल कॉरिडोर (MHRC) के लिए गुजरात, महाराष्ट्र और दादरा व नगर हवेली में भूमि अधिग्रहण (Land acquisition) का काम 100 प्रतिशत पूरा कर लिया है. अब बुलेट ट्रेन में इस्तेमाल होने वाले इंजन को लेकर बड़ा अपडेट आया है. भारत में बुलेट ट्रेन में जापान की शिनकानसेन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. शिनकानसेन जापान की अतितीव्र गामी रेलगाड़ियों को कहा जाता है, जो 300 किमी/घंटा की गति से भी तेज़ दौड़ती हैं.
Bullet Train Engine: स्पीड 320 किमी प्रति घंटा की होगी स्पीड, ड्राइवर और यात्री की सुरक्षा के विशेष इंतजाम
बुलेट ट्रेन के इंजन में कई सेफ्टी फीचर्स होंगे. इसके कंसोल में ट्रेन की स्पीड की हर छोटी बात दर्ज होगी. इसकी अधिकतम स्पीड 320 किमी प्रति घंटा होगी. यदि ट्रेन के ड्राइवर से कोई गलती हो भी जाती है तो यात्रियों की जान को कोई खतरा नहीं होगा. यदि दरवाजे बंद नहीं होंगे तो ट्रेन को चलाना मुमकिन नहीं होगा. इसके अलावा ट्रेन के अंदर ऐसे कई फीचर दिए गए हैं, जिससे ड्राइवर सुरक्षित रह सकें. यात्री सुरक्षित रह सकें और जो ट्रेन की स्पीड को भी कंट्रोल किया जा सकता है.
Bullet Train Engine: ऑटो प्रोग्राम ट्रेन बुलेट ट्रेन, ड्राइवर नहीं बढ़ा सकेगा स्पीड
बुलेट ट्रेन ऑटो प्रोग्राम ट्रेन है, जो अपने इंटेलिजेंट मैनेजमेंट सिस्टम से काम करती है. ऐसे में यदि ड्राइवर निर्धारित सीमा से अधिक ट्रेन की स्पीड बढ़ाएगा तो भी ये नहीं बढ़ेगी. साथ ही यहां पर एक माइक लगा हुआ है, जैसे फ्लाइट में पायलट यात्रियों से बात कर सकता है वैसे ही इसमें भी बात हो सकेगी. NHSRCL ने एक विज्ञप्ति में कहा कि परियोजना के लिए सभी अनुबंध गुजरात और महाराष्ट्र को दे दिए गए थे जबकि 120.4 किलोमीटर गार्डर बिछा दिए गए हैं और 271 किलोमीटर तक खंभे लगा दिए गए हैं.
Bullet Train Engine: छह नदियों पर हो चुका है पुल का निर्माण, बन चुका है स्टील पुल
प्रेस रिलीज के मुताबिक, गुजरात के सूरत जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर 70 मीटर लंबा और 673 मीट्रिक टन वजन वाला पहला स्टील पुल बनाया गया है. साथ ही इस तरह के 28 में 16 पुलों का निर्माण विभिन्न चरणों में हैं. मुंबई-अहमदाबाद रेल कॉरिडोर पर 24 में से छह नदियों पर पुलों के निर्माण का काम पूरा हो चुका है, जिनमें पार (वलसाड जिला), पूर्णा (नवसारी जिला), मिंधोला (नवसारी जिला), अंबिका (नवसारी जिला), औरंगा (वलसाड जिला) और वेंगनिया (नवसारी जिला) शामिल हैं.