Bullet Train: देश में लोगों को काफी लंबे समय से बुलेट ट्रेन का इंतजार है. रेलवे की योजना के अनुसार अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन पर बहुत तेजी से काम चल रहा है. वहीं दिल्ली से वाराणसी के बीच भी एक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. हालांकि हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया गया कि इस प्रोजेक्ट में कुछ अड़चन आ सकती है. रेल मंत्रालय ने गुरुवार को दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के व्यावहारिक होने से जुड़ी रिपोर्ट खारिज किये जाने की खबरों से इनकार कर दिया है. मिनिस्ट्री ने कहा कि विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) पर अब भी विचार जारी है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मंत्रालय ने कहा, "दिल्ली-वाराणसी उच्च गति की रेल को लेकर डीपीआर पर अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है. वास्तविकता यह है कि रेल मंत्रालय को प्रोजेक्ट रिपोर्ट को लेकर कोई समस्या नहीं है."

 

उसने यह भी कहा कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने प्रोजेक्ट से संबंधित डीपीआर को अंतिम रूप दे दिया है और इसे रेलवे बोर्ड को सौंप दिया है. मंत्रालय ने कहा कि यह अनुमोदन देने की प्रक्रिया के तहत डीपीआर रेलवे बोर्ड के विचाराधीन है.

यहां से गुजरनी है बुलेट ट्रेन

प्रस्ताव के तहत बुलेट ट्रेन के लिये गलियारा ग्रेटर नोएडा, आगरा, लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी से होकर गुजरना है.

मंत्रालय ने यह भी कहा कि हाल ही में डीपीआर पर चर्चा के लिये प्रधान कार्यकारी निदेशक (बुनियादी ढांचा) आर एन सिंह और एनएचएसआरसीएल के अधिकारियों के बीच कोई बैठक नहीं हुई.

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर किया ये दावा

हालांकि, सूत्रों ने कहा है कि बैठक हुई और दिल्ली-वाराणसी उच्च गति वाली रेल प्रोजेक्ट की व्यवहार्यता रिपोर्ट पर चर्चा की गई. इसमें मार्ग पर कई मोड़ होने का हवाला देते हुए प्रोजेक्ट पर चिंता जतायी गई.

व्यवहार्यता रिपोर्ट में प्रस्ताव किया गया है कि गलियारे का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग-दो के साथ किया जाएगा. इससे सस्ती दर पर जमीन के अधिग्रहण में मदद मिलेगी और निर्माण लागत कम होगी.

सूत्रों के अनुसार, हालांकि राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर दिल्ली और वाराणसी के बीच कई जगहों पर घुमावदार मार्ग है. इससे ट्रेन के लिए 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलना बेहद खतरनाक हो सकता है. यह एक तकनीकी मुद्दा है.

उसने कहा, "350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चलाने के लिये ‘हाई स्पीड’ गलियारे का ट्रैक सीधा होना चाहिए."