Bullet Train Project: देश की पहली बुलेट ट्रेन को लेकर फुल स्पीड में तैयारियां चल रही है. रेलवे समय-समय पर इसे लेकर जरूरी अपडेट्स भी दे र ही है. लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक, मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (MAHSRC), जिसे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के रूप में भी जाना जाता है, में एक प्रारंभिक भूकंप जांच सिस्टम को लगाने पर भी रेलवे विचार किया जा रहा है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने बताया कि 28 भूकंपमापी (seismometers) से जुड़ा ये एडवांस सिस्टम भारत के अंदर किसी भी रेलवे प्रोजेक्ट में पहली बार लगाया जा रहा है, जिससे भूकंप के दौरान होने वाली घटनाओं से सुरक्षा मिलेगी.

इन जगहों पर होगा ज्यादा फोकस

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इन 22 सीस्मोमीटर्स में से 6 महाराष्ट्र और गुजरात के उन क्षेत्रों में लगाए जाएंगे, जहां भूकंप का खतरा ज्यादा होता है. इसमें भुज भी शामिल है. इसके अलावा बाकी सीस्मोमीटर को ट्रेन के अन्य रूट पर रखा जाएगा.

NHSRCL ने बताया कि इसके लिए MAHSRC ट्रैक पर पहले से ही उन क्षेत्रों पर फोकस किया गया है, जहां पिछली शताब्दी में रिएक्टर पैमाने पर 5.5 से अधिक तीव्रता वाले भूकंप आए थे. इसकी जांच जापानी विशेषज्ञों ने की है.

भूकंप के अलर्ट से रूक जाएगी ट्रेन

आपको बता दें कि जापान की एडवांस शिंकानसेन (Shinkansen) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इस भूकंप के शुरुआती झटकों को पहचानने के लिए किया गया है. एक बार भूकंप का अलर्ट मिलने पर इस टेक्नोलॉजी से बुलेट ट्रेन की बिजली को तुरंत काट दिया जाता है और इमरजेंसी ब्रेक भी लग जाता है. भूकंप के दौरान ट्रेन के रूक जाने से किसी भी तरह की दुर्घटना को रोकने में काफी कमी आ सकती है. 

किन जगहों पर लगेंगे सीस्मोमीटर?

NHSRCL ने बताया कि मिट्टी की उपयुक्तता और उसके बाद साइट चयन का आकलन करने के लिए एक विस्तृत सूक्ष्म-कंपकंपी परीक्षण के बाद, पूरे गलियारे में 22 सीस्मोमीटर लगाए जाएंगे. इनमें से आठ महाराष्ट्र में मुंबई, ठाणे, विरार और बोईसर में, जबकि 14 गुजरात के वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरुच, वडोदरा, आणंद, महेमदाबाद और अहमदाबाद में लगाए जाएंगे. 28 सीस्मोमीटर में से बाकी के 6 महाराष्ट्र में खेड, रत्नागिरी, लातूर और पांगरी में तथा गुजरात में अदेसर और ओल्ड भुज जैसे भूकंप के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में लगाए जाएंगे.