Bullet Train Project: देश की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर रेलवे अपनी तैयारी पूरी तेजी से कर रही है. इसी कड़ी में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए दादरा और नगर हवेली में सिलवासा के पास 25 अगस्त 2024 को 100 मीटर लंबा स्टील ब्रिज लॉन्च किया गया है. 1464 मीट्रिक टन वजन का ये स्टील ब्रिज, जिसकी ऊंचाई 14.6 मीटर और चौड़ाई 14.3 मीटर है, त्रिची, तमिल नाडु की  वर्कशॉप में तैयार किया गया और इसे इंस्टॉलेशन के लिए ट्रेलरों पर साइट पर परिवहन किया गया.

मजबूती के लिए किया ये काम

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एक अस्थायी लॉन्चिंग नोज, जिसकी लंबाई 84 मीटर और वजन 600 मीट्रिक टन है, को मुख्य ब्रिज के साथ जोड़ा गया ताकि किसी भी मध्यवर्ती समर्थन की आवश्यकता न पड़े. लॉन्चिंग के दौरान ब्रिज को मज़बूत बनाने के लिए अतिरिक्त अस्थायी मेम्बर भी लगाए गए. 

लॉन्चिंग नोज के घटकों को जोड़ने के लिए, कुल 27,500  एचएसएफजी (हाई-स्ट्रेंथ फ्रिक्शन ग्रिप) बोल्ट का उपयोग किया गया और सी5 सिस्टम पेंटिंग और इलास्टोमेरिक बियरिंग्स के साथ लगभग 55,250 टोर-शियर टाइप हाई स्ट्रेंथ (टीटीएचएस) बोल्ट का उपयोग मुख्य ब्रिज के लिए किया गया. 

बुलेट ट्रेन के लिए बना चौथा स्टील ब्रिज

बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए तैयार किए गए 28 स्टील ब्रिज में से यह चौथा स्टील ब्रिज है. ये है डीटेल्स

स्टील ब्रिज को लांचिंग नोज़ के साथ स्थल के निकट जमीन से 14.5 मीटर की ऊंचाई पर अस्थायी ट्रेस्टल्स पर स्थापित किया गया और इसे मैक-अलॉय बार्स का उपयोग करते हुए 2 अर्ध-स्वचालित जैक की स्वचालित प्रणाली, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 250 टन है, के साथ खींचा गया. 

इंजनियरिंग का अनूठा नमूना

बुलेट ट्रेन परियोजना को सुरक्षा और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के उच्चतम स्तर को बनाए रखते हुए सावधानीपूर्वक कार्यान्वित किया जा रहा है. जापानी विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए, भारत "मेक इन इंडिया" पहल के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए अपने स्वयं के तकनीकी और भौतिक संसाधनों का तेजी से उपयोग कर रहा है. इस परियोजना के लिए स्टील ब्रिज इस प्रयास का एक प्रमुख उदाहरण है.