देश में कब रफ्तार भरेगी बुलेट ट्रेन? जानें कहां कितना काम हुआ पूरा, कहां अटकी है गाड़ी
Bullet Train: देश में बुलेट ट्रेन चलाने को लेकर रेलवे (Indian Railways) पूरी तेजी से काम कर रहा है. रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट कर काम की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी दी है.
Bullet Train: देश में एक लंबे समय से लोगों को बुलेट ट्रेन का इंतजार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन (Ahmedabad Mumbai Bullet Train) का काम पूरी तेजी से चल रहा है. रेल मंत्रालय ने इसे लेकर एक ताजा अपडेट दिया है कि कहां मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) को लेकर कितना काम पूरा हो गया है और कहां कितना काम बाकी है. इसके साथ ही ये भी बताया कि गुजरात और महाराष्ट्र में कितनी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है.
क्या है बुलेट ट्रेन की प्रोग्रेस रिपोर्ट (Bullet Train Progress Report)
भूमि अधिग्रहण की स्थिति
- गुजरात: 98.8%
- डीएनएच: 100%
- महाराष्ट्र: 75.25%
कार्यों की प्रगति
- 162 किमी पाइलिंग का काम पूरा
- 79.2 किमी घाट का काम पूरा
- साबरमती में पैसेंजर टर्मिनल हब का काम पूरा होने वाला है
320 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी बुलेट ट्रेन (Bullet Train Speed)
अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी. यह बुलेट ट्रेन ई5 सीरीज ट्रेन हिताची और कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज द्वारा निर्मित जापानी शिंकानसेन हाई-स्पीड ट्रेन का ही एक प्रकार है. अहमदाबाद से मुंबई के बीच हाई स्पीड बुलेट ट्रेन (Bullet Train) बनने के बाद 508 किलोमीटर की यात्रा को 2 घंटे 58 मिनट में पूरा किया जा सकेगा. फिलहाल इसे पूरा करने में 6 घंटे से अधिक का समय लगता है.
कुल 12 स्टेशन होंगे
बुलेट ट्रेन (Bullet Train) के रूट पर 12 स्टेशन होंगे, जिनमें आठ गुजरात में और चार महाराष्ट्र में होंगे. इसका संचालन नियंत्रण केंद्र अहमदाबाद के साबरमती में स्थित होगा. गुजरात के सूरत और साबरमती में और महाराष्ट्र के ठाणे में तीन डिपो होंगे.
2017 में शुरू हुआ प्रोजेक्ट
देश में बुलेट ट्रेन (Bullet Train) प्रोजेक्ट की आधारशिला, 14 सितंबर, 2017 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उनके तत्कालीन जापानी समकक्ष शिंजो आबे (Shinzo Abe) द्वारा रखी गई थी. 1.10 लाख करोड़ रुपये की परियोजना के 2022 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण बाधाओं का सामना करना पड़ा.