Central Railway: पैसेंजर सेफ्टी पर रेलवे का बड़ा कदम, ट्रेन के रेड सिग्नल जंप करने पर नहीं होगी सीधी टक्कर
Central Railway: मध्य रेलवे के मुंबई डिवीजन ने रेलवे पैसेंजर सेफ्टी को लेकर बड़ा कदम उठाया है. जिसके जरिए रेड सिग्नल क्रॉस करने पर दो ट्रेनों के बीच में आपस में कोई टकराव नहीं होगा.
Central Railway: मध्य रेलवे के मुंबई डिवीजन ने पैसेंजर सेफ्टी को लेकर बड़ा कदम उठाया है. जिसके जरिए रेड सिग्नल क्रॉस करने पर दो ट्रेनों के बीच में आपस में कोई टकराव नहीं होगा. रेलवे द्वारा एक Auxiliary warning system (AWS) ट्रेनों में जोड़ा जा रहा है.
अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ी जा रही ट्रेनें मध्य रेलवे के मुंबई डिवीजन ने ईएमयू उपनगरीय रैक कैब में उन्नत सहायक चेतावनी प्रणाली (एएडब्ल्यूएस) को सफलतापूर्वक लागू किया है, इससे यात्रियों की सुरक्षा अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगी. इससे खतरे को लेकर चिंता करने की जरुरत नहीं होगी. यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए अत्याधुनिक तकनीक को जोड़ा गया है. उसने ईएमयू रेक कैब के सहायक चेतावनी प्रणाली (एडब्ल्यूएस) के पुराने संस्करण को संशोधित किया है. क्या होगा रेलवे को फायदा एडब्ल्यूएस पटरियों पर और ईएमयू रैक कैब एक सुरक्षा डिवाइस है. इसका फायदा यह होगा कि अगर कोई ट्रेन रेड सिग्नल जंप भी करता है तो उस वक्त ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेक लग जाएगा. जिससे सामने की ट्रेन में आपस में टकराव नहीं होगा. लगातार ट्रेन को लेकर उठाए जा रहे कदम AAWS, एक अत्याधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली है, मुंबई डिवीजन की स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली में ड्राइविंग की स्थिति को लगातार ट्रैक करती है, जिससे ट्रेन की गतिविधियों का सटीक नियंत्रण और निगरानी रखने में मदद मिलेगी. AAWS की शुरूआत मध्य रेलवे की यात्री सुरक्षित और सही परिचालन के लिए यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उठाया गया सराहनीय कदम है. मध्य रेलवे अपने मूल्यवान यात्रियों के लाभ के लिए रेलवे टेक्नोलॉजी में दिन पर दिन डेवलपमेंट कर रहा है. कैसे काम करता है AAWS? एडब्ल्यूएस या सहायक चेतावनी प्रणाली की मदद से कोई भी सिग्नल आने से पहले ड्राइवर को चेतावनी मिल जाती है. इस दौरान अगर ड्राइवर सिग्नल तोड़ता है तो इमरजेंसी ब्रेक अपने आप लग जाएगा.